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फैंक बौल..झटक विकेट!
कुछ ही दिन हुए…स्वाइन फ़्लू ने अखबारों और टी.वी. चैनलों पर कब्जा कर रखा था!..स्वाइन फ्लूसे बचने के देशी और विलायती टोटकों की बाढ सी आई हुई थी!…स्वाइन फ़्लू होता भी तो खतरनाक है!..जिसकी चपेट में आने से कई लोग मृत्यु के ग्रास भी बन गए!…खैर! अब यह बीमारी काबू में आ गई है!..इस बीमारी की चपेट में आने वाले स्वस्थ हो कर अपने काम काज में पूर्ववत लग भी गए है!..लेकिन हाय रे तौबा!…शांति फिर भी नहीं है!…अब स्वाइन फ़्लू की जगह क्रिकेट ने ली है…वर्ल्ड कप की बक्षिस जो मिलने वाली है!…किसको?…..यही तो देखने के लिए दुनिया टी.वी. पर आँखें गडाए बैठी है..अखबारों के पन्नों पर आँखें गडाए हुए है कि… क्रिकेट का ऊंट किस करवट गिरता है!..क्यों न क्रिकेट को ऊंट ही समझा जाए?..इस ऊंट पर सवार है वर्ल्ड कप!.. भैया!..यहाँ तो ऊंट बैठेगा नहीं..बल्कि धम से..गिरेगा!..क्यों कि ये साधारण ऊंट तो है नहीं!…क्रिकेट में तो भागना होता है, उछलना होता है, लपकना होता है, गिरना होता है…तो ये ऊंट भी बैठेगा नहीं बल्कि गिरेगा!
..जब ये ऊंट गिरेगा तब क्या होगा?…ऊंट पर दो तरफ माल-सामान रखा जाता है!..जिस तरफ वो गिरेगा, उस तरफ का माल-सामान भी गिर जाएगा!..उस गिरे हुए माल-सामान की कीमत जाहिर है कि कम आंकी जाएगी…उसे हारा हुआ माल-सामान समझा जाएगा!..और ऊंट के गिरने से जिस तरफ का माल-सामान बिना गिरे सलामत रहेगा!..उसके तो पौ बारा हो जाएंगे!,,, उसे जीते हुए माल-सामान के तौर पर सम्मानित किया जाएगा!..उसकी कीमत ऊँची आंकी जाएगी!..जाहिर है ऊंट पर सवार वर्ल्ड कप उसी जीते हुए माल-सामान में जा मिलेगा!…और उसी का हो जाएगा!
..खुश होना चाहिए कि हर बार की तरह इस बार भी भारत का माल-सामान मौके पर पहुँच चुका है!..धोनी नाम का लेबल लगवाकर इस खेप को भेजा गया है!..ऊंट की सवारी करने का मौक़ा मिलने वाला है!..अवश्य मिलेगा..क्यों कि पहले भी भारत की कपिलदेव नाम का लेबल लगी हुई माल-सामान की खेप ऊंट पर बिराजमान वर्ल्ड कप को हथियाने में सफल हो चुकी थी!..कल २६ मार्च के दिन इसका फैसला होगा कि वर्ल्ड कप को ढोने वाले ऊंट पर, भारत की, धोनी नाम का लेबल लगी हुई माल-सामान की खेप चढ पाती है या नहीं!..ऊंट की दूसरी तरफ किसी दूसरे देश की खेप भी चढाई जाएगी!…और फिर क्रिकेट का ऊंट तेजी से अपने गंतव्य की तरफ भागना शुरू करेगा….और फिर हमेंशा की तरह धम से…एक तरफ गिरेगा…फिर जीत और हार का फैसला होगा!..वर्ल्ड कप किसी न किसी के कब्जे में चला ही जाएगा!…भारत के कब्जे में भी आ सकता है..धोनी नाम का लेबल काम कर जाए!
…लेकिन क्रिकेट का ऊंट तो गिरने के बाद सुस्ताएगा भी!..तब टी.वी.चैनलों और अखबारों को परोसने के लिए कौनसा व्यंजन मिलेगा?..नो प्रोब्लम!.. राजनीति तो एवरग्रीन व्यंजन है ही!
-डॉ.अरुणा कपूर.
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