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शादी के लिए मानसिक तौर पर तयारी!

prawahit pushp!
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शादियाँ टूटने का एक बड़ा कारण यह भी…..

सदियों से हम सुनते आ रहे है कि जोड़े उपर से ही बनाए जाते है…मतलब कि किसकी शादी किसके साथ होगी यह पहले से ही तय हुआ होता है…यह तय करने वाला उपरवाला याने कि ईश्वर, अल्लाह या गौड…जिस नाम से आप उसे पुकारना चाहे …वह होता है!

…लेकिन ज्यादा सोचने वालों के मन में सोच कुलबुलाने लगती है कि अगर ऐसा है तो फिर मैट्रिमोनियल या जीवनसाथी जैसी शादी के लिए लड़का या लड़की उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं का क्या काम?…अगर जोडिया उपर से बनी ही हुई है तो जोडीदार अपने आप सामने आएगा…और फिर उसके आने का समय भी उपरवाले ने पहले से निश्चित कर ही रखा होगा!….तो चिंता की बात ही क्या है!

लेकिन यह तो हुआ मजाक …ऐसे बेफिक्र हो कर तयशुदा जीवनसाथी की राह ना तो लड़का देख कर बैठा रहता है…और ना तो लड़की बैठी रहती है…हो सकता है उपरवाले पर इनका भरोसा ही नहीं है!…वैसे अच्छी बात है!…ये लोग खुद ही जीवनसाथी का चयन कर लेते है और…जयमाला एक दूसरे के गले में पहना कर पति-पत्नी बन जाते है!

….ऐसे में जो शादी बिना किसी विघ्न के चल पड़ती है….समझ लेना चाहिए कि वे पति-पत्नी समझदार है और एक दूसरे को झेलने के लिए मानसिक तौर पर तैयार है….और छुट-पुट कभी कभार तू..तू, मै..मै…करना इन्हें मंजूर है!

…लेकिन कुछ पति-पत्नी आपसी सहमती से शादी करने के बावजूद भी…एक दूसरे के साथ ताल-मेल बैठाने को तैयार नहीं होते..उनको क्या कहा जाय?….छोटी छोटी बात को ले कर डिवोर्स लेने की बात करे…या डिवोर्स लेने कोर्ट-कचहरी तक पहुँच जाए …उन्हें क्या कहना चाहिए?

..उनसे कुछ कहने और समझाने का काम समाज में स्थिरता कायम रखने के इच्छुक लोग करते है और करते आए है!….एक ऐसे ही एक सज्जन से जब हम हम मिले तो कई बातों का खुलासा हो ही गया…

..कुछ उनके विचार और कुछ अपने विचार आपस में मिलाकर आखिर में हमने शादियां टूटने के लिए एक सबसे बड़ा और जिम्मेदार कारण ढूंढ निकाला और वह कारण है कि शादी के इच्छुक लड़का और लड़की मानसिक तौर पर शादी के लिए पहले से तैयार होते ही नहीं है, और शादी के बंधन में बंध जाते है!…पैरेंट्स ने कहा और कर ली शादी…या दोस्त ने कर ली;तो इन्हों ने भी कर ली शादी….या नौकरी कहीं लग गई, तो कर ली शादी!…अरे शादी करने के बाद जो जो जिम्मेदारियाँ निभानी पड़ती है,उन्हें तो पहले जान लो!…यह बात लड़का एवं लडकी दोनों के लिए है!..अगर जिम्मेदारियों को नजर के सामने रख कर, क्या क्या जिम्मेदारियां होती है उनकी लिस्ट बना कर, उनके उपर सोच विचार कर के शादी की जाए….तो वह शादी कभी टूटती नहीं है…दहेज का राक्षस भी उसे नहीं तोड़ सकता!

…अगर हमने ढूंढा हुआ कारण सही है…तो उस पर गौर फरमाएं और अपनी शादी को टूटने से बचाएं!

– डॉ.अरुणा कपूर.

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