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हमारे देश मेँ सरकारी नौकरी का क्रेज बहुत पहले से रहा है ।होनहार युवा सरकारी क्षेत्र मेँ कैरियर बनाने के लिए उत्सुक रहते हैँ जिसका कारण सरकारी नौकरी मेँ ऊँची तनँख्वाह ,शोहरत ,व अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती हैँ तथा देश की आम जनता से जुड़ने व उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है ।रेलवे ,बैंक ,एसएससी ,संघ लोक सेवा आयोग व अन्य सरकारी विभागोँ द्वारा प्रत्येक वर्ष रिक्तियाँ घोषित की जाती है और परीक्षा आयोजित की जाती है ।इन परीक्षाओँ मेँ बहुत बड़ी सँख्या मेँ युवा सम्मिलित होते हैँ जिनमेँ से योग्यतम व प्रतिभाशाली युवाओँ का चयन लिखित व मौखिक परीक्षा मेँ प्राप्त अँकोँ के आधार पर किया जाता है । इन परीक्षाओँ मेँ ग्रामीण परिवेश से आने वाले ,गरीब व कमजोर तबके के छात्र भी बड़ी संख्या मेँ सम्मिलित होते रहे हैँ जिसका कारण इन परीक्षाओँ की निष्पक्ष चयन प्रणाली व पारदर्शिता रही है । परन्तु यह बड़े ही दुःख का विषय है कि पिछले कुछ वर्षोँ से इन परीक्षाओँ मेँ बहुत बड़े स्तर पर धाँधली की जा रही है ।प्रत्येक परीक्षा मेँ पेपर लीक ,सेंटरोँ पर नकल होने से प्रतियोगी छात्रोँ मेँ निराशा का माहौल है । इलाहाबाद ,पटना ,दिल्ली जैसे बड़े शहरोँ मेँ कई कई वर्षोँ से इन प्रतियोगी परीक्षाओँ की तैयारी कर रहे छात्र धाँधली की शिकायत से अवसाद की गिरफ्त मेँ हैँ और आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हैँ । इन परीक्षाओँ मेँ धाँधली की वजह से अयोग्य लोग सरकारी पदोँ को धनबल की मदद से प्राप्त करने मेँ सफल हो जा रहे हैँ वहीँ योग्य व प्रतिभावान छात्र परीक्षाओँ मेँ भ्रष्टाचार ,रिश्वतखोरी ,धाँधली .व नकल के चलते सारी योग्यता होने के बावजूद भी छँट जा रहे हैँ । लाखोँ की सँख्या मेँ इन परीक्षाओँ की तैय्यारी कर रहे छात्रोँ का विश्वास आज धाँधली के आरोपोँ के वजह से डगमगाया हुआ है ।इन युवाओँ के कदम गलत राह पर भटके ,उसके पूर्व ही सरकार और परीक्षा बोर्डोँ को इन परीक्षाओं को निष्पक्ष व विश्वसनीय बनाने के लिए आवशयक कदम उठाना चाहिए जिससे छात्रोँ मेँ पुनः इन परीक्षाओँ के प्रति विश्वास जगे और योग्य ,होनहार व प्रतिभावान लोग ही जिम्मेदार पदोँ पर आसीन हो सकेँ और युवाओँ मेँ व्यवस्था के प्रति भरोसा कायम हो ।
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