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वैश्वीकरण के इस दौर मेँ जब दुनियाँ सिमटकर छोटी हो गयी है ।
नव परिवर्तनोँ के इस तकनीकी दौर मेँ जहाँ इण्टरनेट और कम्पयूटर की पहुँच बड़े शहरोँ से लेकर दूर -दराज के पिछड़े गाँवोँ तक हो चुकी है ।गाँवोँ और कस्बोँ के निवासी भी धड़ल्ले से इन साधनोँ का उपयोग कर रहे हैँ,क्योँकि अब इन माध्यमोँ पर किसी भाषा विशेष का आधिपत्य न होकर अपनी मनपसंद भाषा चुनने की आजादी है।जिसके चलते गाँवोँ और कस्बोँ के लोग भी अपने विचारोँ,भावनाओ,पसंद.नापसंद , अपनी समस्याओँ को अपनी मातृभाषा मे हिन्दी ब्लाँगोँ और सोशल साइट्स के माध्यम से आसानी के साथ उकेर रहे हैँ।जो हिन्दी भाषा के कमजोर होते अस्तित्व के लिए औषधि के समान है.और लोगोँ द्वारा लिखा गया एक एक ब्लाँग, हिन्दी के रुग्ण होते प्राणोँ के लिए संजीवनी के समान । जो हिन्दी के प्राणोँ मेँ नयी चेतना और ऊर्जा का संचार कर रहा है।हिन्दी ब्लाँग पढने और लिखने वालोँ की संख्या मेँ तेजी से वृद्दि हो रही है जिसके चलते हिन्दी भाषा आज इण्टरनेट पर तेजी से पाँव पसार रही है और हिंदी का प्रचार -प्रसार तीव्र गति से हो रहा है।
यह सर्वविदित तथ्य है कि अँग्रेजी भाषा के पक्ष मे जो माहौल खड़ा किया गया है अँग्रेजी जानने वालोँ को सम्मान की नजरोँ से देखा जाता है.अँग्रेजी न जानने वालोँ को गँवार समझा जाता है और उन्हेँ हेय दृष्टि से देखा जाता है ।यह मानसिकता ही हिन्दी भाषा के विकास की रोड़ा रही है परन्तु हिन्दी ब्लाँगिँग ने लोगोँ की इस सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया है ।हिन्दी ब्लाँगोँ के लेखकोँ के हिन्दी मे अपने विचारोँ को व्यक्त करने पर भी जब शाबासी,सम्मान, प्रोत्साहन,पुरस्कार और उत्साहवर्धन करने वाली प्रतिक्रियाएँ मिल रही है ,फिर अँग्रेजी भाषा मे लिखने और बोलने से ही सम्मान और इज्जत मिलती है यह भ्राँति धीरे धीरे टूट रही है और हिन्दी भाषा की स्वीकार्यता भी बढ रही है।
हिन्दी ब्लाँगिँग से जिसमेँ हर क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़े हुए है और रोज नये नये लोग जुड़ रहे हैँ चाहे धर्म.अध्यात्म की बात हो या राजनीतिक या सामाजिक मुद्दा,बात खेल के मैदान की हो या फिल्मी दुनियाँ और फिल्मी सितारोँ की लोग प्रत्येक मुद्दोँ औरघटनाओँ की चर्चा ब्लाँग के माध्यम से कर रहे हैँ जिससे विचारोँ का आदान-प्रदान हो रहा है।विशेषज्ञ व्यक्तियोँ के विचारोँ से लोगोँ के ज्ञान मे वृद्धि हो रही है ।साथ ही साथ विभिन्न हिन्दी बेबसाइट्स और ब्लाँग प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैँ जिसमे विजेता को पुरस्कृत किया जाता है जिसे देखकर अन्य लोगोँ का उत्साह भी बढता है और यह समझते है कि हिन्दी भाषा के माध्यम से भी सम्मान और इज्जत मिल सकती है यह देखकर अनेकानेक लोग हिन्दी की तरफ आकर्षित होते हैँ।
हिंदी साहित्य मेँ लेखकोँ ,साहित्यकारोँ ,निबन्धकारोँ कहानीकारोँ की संख्या मेँ पहले की अपेक्षा आज भारी वृद्धि हुई है परन्तु हर किसी की रचनाओँ को पत्र पत्रिकाओँ
प्रकाशित कर पाना सम्भव नही हैँ ।पर ब्लाँग एक ऐसा माध्यम है जो ऐसी प्रतिभाओँ को कुँठित होने से रोकता है।उनकी रचनाओँ को प्रकाशित करने के साथ साथ अनगिनत पाठक भी प्रदान करता है।जहाँ लोग खरे हीरे की पहचान स्वत: कर लेते है।व्यक्ति ब्लाँग के माध्यम से अपनी खुद की पहचान बनाता है।और जब हिन्दी ब्लाँग पर लिखे किसी लेख या कविता को कोई युवक या युवती अपने माता ,पिता भाई बहन को दिखाता है तो उन्हेँ अपने सन्तान पर गर्व होता है।विभिन्न ब्लाँग उदाहरण स्वरुप जागरण जंक्शन को ही लेते है जो अपने लेखको के चुनिंदा लेखोँ को अपने मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित करता है
सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ लेखक को फोटो के साथ मुख्य पृष्ठ पर सबसे ऊपर स्थान देता है
कुछ चुनिंदा लेखोँ को दैनिक जागरण समाचार पत्र मेँ भी स्थान देता है ।जिसे देखकर अँग्रेजी मोह मेँ जकड़े हुए लोग भी हिन्दी की तरफ आकर्षित होते हैँ।नव परिवर्तनोँ के इस दौर मे जब इण्टरनेट हमारी जिन्दगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।इण्टरनेट पर पाठकोँ की संख्या मेँ दिन पर दिन वृद्दि हो रही है। अत: हमेँ अपने सभी पुस्तकोँ को इण्टरनेट पर प्रकाशित करने के साथ साथ अन्य भाषाओँ की महत्वपूर्ण पुस्तकोँ का भी अपनी भाषा मेँ अनुवाद करके प्रकाशित करना चाहिए.यह कदम हिन्दी भाषा के लिए विशेष हितकारी होगा।
हमारे कुछ मित्रोँ का तर्क है कि हिन्दी ब्लाँग मेँ हिन्दी भाषा हिँग्लिश का रुप पकड़ती जा रही है , परन्तु अन्य भाषाओँ के शब्दोँ के जुड़ने से हिन्दी का शब्दकोश विशाल हो रहा है और स्वीकार्यता भी बढ़ रही है।
अत: नवपरिवर्तनोँ के इस दौर मेँ हिन्दी ब्लाँगिग हिन्दी के विकास का सशक्त हस्ताक्षर है।जो शने: शने: क्षीण हो रही हिन्दी के लिए सम्बल के समान है
हिन्दी ब्लाँगिँग की हिन्दी के विकास मे किये योगदान की तुलना किसी व्यक्ति विशेष के योगदान से करना सम्भव नहीँ है क्योँकि हिन्दी ब्लाँगिँग हिन्दी प्रेमियोँ का हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार के लिए किये गये सम्मिलित प्रयासोँ का दूसरा नाम है जिसने हिन्दी के प्रचार ,हिन्दी भाषा के प्रति लोगोँ मेँ जागरुकता फैलाने के साथ साथ .देश विदेश मे हिन्दी का मान बढ़ाया है और हिन्दी भाषा को उसका खोया सम्मान दिलाने के लिए प्रयासरत है।
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