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भावना

बिखरे मोती
बिखरे मोती
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अपने विदेश प्रवास के दौरान एक दिन मैं अमेरिका के बेलेव्यु शहर की किंग काउंटी लाइब्रेरी के प्रांगण  में बैठा हुआ था I जगह – जगह लगे मापेल के वृक्षों ने पूरे प्रांगण को आच्छादित किया हुआ था I प्रांगण के एक कोने में महात्मा गांधी की ब्रोंज की बनी हुई एक सुन्दर आदम कद प्रतिमा ग्रेनाइट के सुन्दर चबूतरे पर लगी हुई थी I चबूतरे के चारों ओर बनी क्यारियों में विभिन्न रंगों के सुन्दर फूल खिले थे I चबूतरे पर रखे फूलों के दो सुन्दर गमलों ने मेरा ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया I लगता था यें गमले  हाल ही में वहां रखे गए थे क्योंकि इसके पहले मैंने इन गमलों को वहां नहीं देखा था I

गमलों को वहां देख कर सहसा ही मुझे विचार आया कि कहीं आज महात्मा गांधी से सम्बंधित कोई विशेष तिथि तो नहीं है ? लेकिन बहुत प्रयास के बाद भी मुझे ऐसा कुछ याद नहीं आया I तभी एक अंग्रेज महिला अपने बच्चे को बाल गाड़ी (प्राम) में लेकर वहां आई I महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास से गुजरते समय उसके साथ की बाल गाड़ी (प्राम) का एक कोना चबूतरे पर रखे गमलों से टकरा गया और दोनों गमले लुढ़क कर नीचे गिर पड़े जिसके कारण चबूतरे पर और उसके आसपास काफी मिट्टी फ़ैल गयी तथा गमलों में लगे पौधे भी अस्त व्यस्त हो गए I

गमलों को नीचे गिरा देखकर वह महिला एक पल के लिए थोडा सहम सी गई I फिर उसने वहां से थोडा दूर हट कर घटना स्थल की ओर देखा I उसके चेहरे पर आते जाते भावों से लग रहा था जैसे मन ही मन वह कुछ निर्णय ले रही थी I

कुछ पल बाद उसने बाल गाड़ी को मूर्ति से थोडा दूर खड़ा कर दिया I उसके बाद वह उस स्थल जहां गमले गिरे पड़े थे घुटनों के बल बैठ कर गमलों को सीधा करने लगी ; गमलों को सीधा करने के बाद उसने उनमें लगे पौधों को ठीक किया और आस पास बिखर गयी मिट्टी को उठाकर पुनः गमलों में डाला I चबूतरे और उसके आसपास जो थोड़ी मिट्टी शेष  रह गई थी उसे अपने पर्स में रखे टिश्यू पेपर की साहयता से भली प्रकार साफ़ कर गमलों को पूर्ववत चबूतरे पर रख दिया I उसके बाद उसने फिर थोडा दूर खड़े होकर चबूतरे का निरीक्षण किया I चबूतरे की सफाई देख कर उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव उभर आये और फिर वह बाल गाड़ी को साथ लेकर वहां से चली गयी I

मैं नहीं जनता हूँ कि यह सब करते समय उसके मन में क्या भावना थी ; महात्मा गांधी के प्रति उसकी श्रद्धा या स्वछता के प्रति उसका प्रेम या अपनी गलती को सुधारने की इच्छा या तीनों ही , लेकिन जो भी भावना उसके मन में उस समय थी वह बहुत ही सुन्दर और पवित्र थी I

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