काश ! मेरे शब्द बोल
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मोदी की अपील हार गई !
देश की जनता मंदिरो मे जाकर अपनी श्रद्धा से जो भी चढ़ावा चढ़ाती है।
वो सब ईश्वर का है ,और ईश्वर राजा है जो प्रजा का पालन करता है।
भगवान कहते है सब सुखी हो। ऐसी कामना हम सबको करनी चाहिए।
अगर मोदी जी ने मंदिरो से धन माँगा है ,तो उचित निर्णय लिया है।
बड़े बड़े बुद्धिजीवी भी मानते है धन का आवागमन होते रहना चाहिए।
लक्ष्मी तभी शुद्ध मानी जाती है जो समय रहते किसी जरुरतमंद के काम आ जाये।
क्या मंदिरो मे रह रहे श्रेष्ठ जन देश के उज्जवल भविष्य के लिए उत्तम निर्णय लेंगे ?
भारत देश मे भक्कतों और श्रद्धालुओं की कमी नहीं है।
समय दर समय दान और दक्षिणा तो चढ़ता ही रहेगा।
कही ऐसा न हो मंदिरो मे संचित पूँजी सागर के समान बन जाये जो किसी के काम ही नहीं आती है।
……………………………………………………………अरविन्द राय
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