काश ! मेरे शब्द बोल
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यूँ नजर नजर मे शुरूआत हो रही है।
चुपके से ही पर तेरी मेरी बात हो रही है।
है खामोशियों की सुगबुगाहट
पर दिलो मे है एक नई चाहत
बात बात मे ,हर बात मे बस तेरी ही बात हो रही है।
प्यार के हज़ार क़िस्से है सुने
आज उस राह पर हम भी चल दिए
कभी मुस्कुराना कभी नजर चुराना।
कभी छुपना और कभी सामने आना।
तुम से मिलेंगे तो तुम से कहेंगे।
मेरी धड़कनो को अब तेरी ही आदत हो रही है
प्यार का बुखार चढ़ा इस कदर
प्रेम पतर हमने लिख दिया
एक दूसरे से मिलने के लिए
घर मे भी झगड़ा कर लिया ।
प्यार की फिर से नई कहानी
दोनों की साथ साथ शुरू हो रही है ।।
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