चंद लहरें
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कलियों का
फूलों का खिलना
अच्छा लगता है
फिर पत्ते पत्तेसे होकर
कहीं बिखर जाना भी उनका
अच्छा लगता है।
नये सुकोमल भावों से लद
अवगुंठन में
सजा हुआ चेहरा हो कोई
अच्छा लगता है,
फिर गुम्फित भावों का
खुल खुल
बिखर बिखर जाना भी
किंचित
अच्छा लगता है।
आकर्षण औ,
घोर विकर्षण
आकुंचन औ
मधुर प्रस्फुटन
है सौन्दर्य मधुर जीवन का,
क्रन्दित होना करुण करुण
फिर
मुक्त हास्य से मुखरित होना,
अच्छा लगता है।
आशा सहाय—08-02-2016–।
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