Menu
blogid : 24173 postid : 1299466

मेरे लिए लेखन अनुभूति से अभिव्यक्ति का सफर है

parvaaz hounsale ki
parvaaz hounsale ki
  • 57 Posts
  • 24 Comments

556462_104895279652296_523877438_n

“मैं लिखती हूँ क्योंकि लेखन मेरे लिए सांस लेने जैसा है. इसके बिना मैं जी नहीं सकती हूँ.”

यह कहना है कथाकार-कवयित्री कमल कपूर जी का. लेखन से आपको नैसर्गिक लगाव है. इसी कारण
इनके लेखन में एकरसता की शुष्कता नहीं बल्कि विविधता की सरसता है. आपके लेखन में प्रकृति की अनुपम छठा देखने को मिलती है. लेखन इनके लिए अपने जीवन की अनुभूतियों को शब्दों में पिरोने का माध्यम है. इनकी प्रेरणास्रोत इनकी साहित्यिक गुरु चित्रा मुदगिल जी हैं. वैसे तो बहुत छोटी उम्र से लेखन कर रही हैं लेकिन 1998 से विधिवत सक्रिय हैं.
कमल जी अपने लेखन के माथ्यम से अंधविश्वासों , बेमानी रूढ़ियों , कुरीतियों तथा बीमार मानसिकता जैसी विसंगतियों पर कुठाराघात करती हैं. इन बुराइयों का बहिष्कार कर नई स्वस्थ परंपराएं स्थापित करने पर जोर देती हैं.
इनके लेखन के विषय सदैव आसपास के परिवेश से लिए जाते हैं तथा समकालीन घटनाओं पर आधारित होते हैं. कमल जी अपनी अनुभूतियों को शब्दों के जरिए कागज पर उतारती हैं. जिसके कारण पाठकों को अाकर्षित करने में सफल हैं.
देश विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में आपकी विभिन्न विधाओं की रचनाओं का प्रकाशन समय समय पर होता रहता है.
आपकी निम्नलिखित रचनाओं का प्रकाशन हुआ है.

काव्य संग्रह
ज़िंदगी के मोड़, गुलमोहर हंस उठे, वह एक पल, अनलिखे ख़त, भीगी चाँदनी

कथा संग्रह

नैहर छूटो जाए, रिश्तों के रंग, छाँव, अम्मा का चश्मा, नीम अब भी हरा है, प्रेम संबंधों की कहानियां, कदम्ब की छाँव, अस्मि, हीरे की कनी, धनक का आठवाँ रंग

उपन्यास
वह एक नदी थी

लघुकथा संग्रह

आस्था के फूल, हरी सुनहरी पत्तियां

इसके अतिरिक्त कमल जी ‘पहचान’ नामक पत्रिका की प्रधान संपादिका हैं. इन्होंने अमर भारती सा. सं. संस्थान की पुस्तकों का संपादन भी किया है.

आपको कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं.
विभिन्न कहानियों हेतु हरियाणा साहित्य अकादमी का पुरस्कार

हरियाणा की सर्वश्रेष्ठ महिला रचनाकार का सम्मान

राष्ट्र भाषा पीठ लखनऊ द्वारा
भारती रत्न सम्मान 2004
भारत भूषण सम्मान 2006

राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा
प्रभा खैतान प्रवासी रचनाकार सम्मान

भारतेंदु समिति कोटा (राजस्थान) द्वारा
श्रेष्ठ लेखिका सम्मान 2007
जानकी देवी बजाज गौरव सम्मान
नगर गौरव महिला सम्मान
शिखर चंद जैन स्मृति सम्मान 2007

कमल जी के समग्र पर साहित्य पर शोधार्थियों द्वारा पी.एच.डी. की गई है.
विभिन्न मंचों पर आप काव्य पाठ कर चुकी हैं. एफ.एम रेडियो के विभिन्न चैनलों पर कहानियौं का प्रसारण हो चुका है.

कमल जी का एक भरा पूरा परिवार है. जिसमें दो बेटियां तथा एक बेटा है. अपने पति के सहयोग के प्रति आप आभारी हैं.
एक महिला साहित्यकार के नाते इनका महिलाओं को संदेश है कि आप सभी आत्मविश्वास सहित अपने पैरों पर खड़ा होना सीखें.
उत्तर
जियो और जीने दो के फलसफे पर यकीन रखने वाली कमल जी को गीत संगीत, बागबानी, भ्रमण एवं नए नए मित्र बनाने की शौकीन हैं.

Tags:               

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh