Menu
blogid : 6146 postid : 1140645

देश द्रोहियों में मची खलबली का सच क्या हो सकता है ?

सुप्रभात
सुप्रभात
  • 44 Posts
  • 39 Comments

इस समय देश में जेएनयू देशद्रोह मामला सुर्ख़ियों में बना हुआ है विपछी पार्टियाँ जोर-शोर से अपना योगदान दे रहीं है पर घटना की जड़ तक कोई भी जाना नहीं चाहता क्योंकि ये समय की बर्बादी है । पर देश द्रोहियों में खलबली मचने का सच मोदी सरकार के विरुद्ध ही है इसलिए विपछी पार्टियाँ को र्स्ज्निती का डिस्को करना लाजमी है | मोदी सरकार ने आज से सात-आठ महीने पहले लगभग पाँच हजार से भी ज्यादा NGO के लाइसेंस निरस्त कर दिए | बाहर से देश विरोधी कार्यो के लिए होने वाला फंड ट्रांसफर लगभग बंद हो चुका | इस वजह से देश में फैले नक्सली, आतंकी, उल्फा और ऐसे कई अन्य चरमपंथी/उग्रवादी संगठनो की पैसो वाली मेन सप्लाई लाइन कट गयी |

ये JNU, वामपंथ, इन अलगाववादियों और उग्रवादियों का शहरी नेटवर्क ही है, जो इनके लिए रणनीतियाँ बनाता है | अब ये उग्रवादी, चरमपंथी, उल्फा, नक्सली या तो हवा खाकर पानी पीकर क्रांति करेंगे या तो अब उन लोगो से हिसाब लेंगे जिन्होंने क्रांति का झांसा देकर इनके हाथो में बंदूकें पकड़ा दी | वामपंथी खेमो में इतनी भयंकर बिलबिलाहट इसी वजह से है | सारे के सारे लोग अब बिलो से बाहर आ रहे हैं और पूरा देश उनकी पहचान कर रहा है |

वही पाकिस्तान में तिरंगा लहराने के जुर्म में विराट के इस पाकिस्तानी प्रशंसक को १० साल की कैद हुई है। २२ वर्षीय उमर पेशे से टेलर है। उमर के घर की दीवारों पर विराट कोहली के कई पोस्टर्स भी लगे हैं। गौरतलब है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 जनवरी को एडिलेड में खेले गए टी-20 मैच के दौरान विराट कोहली ने 90 रन बनाए थे। उमर ने कोहली की शानदार पारी की खुशी में अपने घर की छत पर तिरंगा फहराया जिसकी शिकायत मिलने पर उमर को गिरफ्तार कर लिया गया था। आज तिरंगा फहराने पर कोर्ट ने इसे 10 साल की सजा सुनाई है।

अरे भाई हमारे देश में भी कुछ लोग है जो पाकिस्तान का झंडा फहराते रहते है और आये दिन पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते रहते है। कम से कम उन्हें जंतर – मंतर में जाकर पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ अनशन करना चाहिए । और कह के दिखाएँ जब हम भारत में पाकिस्तान का झंडा फहरा सकते है तो उमर ने पाकिस्तान में तिरंगा फहरा कर कौन सा जुर्म कर दिया । देशद्रोह मामले पर इस समय देश के कोने -कोने से लोग मिडिया में अपना मुहं दिखने दिल्ली चले आ रहे है । एक्टर गिरीश कनाड तो कहते है -“कन्हैया जेल में क्यों है हमें समझ में नहीं आता, अभिब्यक्ति की आजादी के तहत उसे सबकुछ कहने का अधिकार है”। गिरीश कनाड का यह बयान आर्मी के उन शहीद हुए जवानों के लिए शर्मनाक होगा जिन्होंने देश सेवा में अपनी जान न्योछावर कर दिया ।

कुछ दिन पहले +Zee News के ताल ठोक के कार्यक्रम में मनिंदर सिंह बिट्टा ने बहुत सही बात कही थी, अस्सी के दशक में पंजाब के कॉलेजों में कुछ मुट्ठी भर आठ-दस लौंडे दिन-रात खालिस्तान-खालिस्तान किया करते थे | इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया | आठ-दस लौंडे क्या कर लेंगे |आठ-दस से फिर चालीस-पचास हुए | किसी ने फिर भी ध्यान नहीं दिया | चालीस-पचास हैं क्या कर लेंगे ? यही आठ-दस चालीस-पचास हुए, चालीस-पचास से सौ-सवा सौ हुए, सौ-सवा सौ से चार-पांच सौ हुए और देखते देखते ही हज़ारों हो गए, फिर एंट्री हुयी भिंडरावाला की. . . फिर हथियार आये, बम-बारूद आया और फिर आतंकवाद आया और उसी अनदेखी का नतीजा ये है कि पंजाब आज तक उठ नहीं पाया है |

कुछ लोग कह रहे हैं कि JNU के सौ-पचास लौंडे अगर मिल के देश विरोधी नारे लगा भी देते हैं तो उससे क्या हो जाएगा, क्या कर लेंगे ये, कुछ नहीं होगा इससे, कुछ भी नहीं कर पाएंगे ये लोग | यही सब बातें आज से तीस-चालीस साल पहले लोग पंजाब के बारे में किया करते थे और फिर पंजाब में आतंक का जो नंगा नाच हुआ उसे पूरी विश्व ने देखा |

आतंक का चेहरा छोटा हो या बड़ा इसे जगह पर ही कुचल देना चाहिए क्योंकि सांप का फन उठने से पहले ही कुचल दो तो ठीक है नही तो वो सबको डसता ही है |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply