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१० फरवरी को दिल्ली विधान सभा का चुनाव परिणाम आया . “आप ” की अप्रत्याशित जीत से स्वयं आम आदमी पार्टी के नेता हैरान थे . भारतीय जनता पार्टी जिसका नारा था” सबका साथ सबका विकास” वह धरा का धरा रह गया . बी जे पी के प्रधानमंत्री मोदी ५ -६ सभाएं किये राज्यों से मुख्य मंत्री बुलाये गए प्रचार के लिए कितने ही सांसद लगाये गए पार्टी प्रचार के लिए करोड़ों रूपये झोंक दिए चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पर केवल ३ पर सिमट के रह गए
इस चुनाव में मोदी जी का जादू नहीं चला, और चले भी कैसे ? क्यूंकि इस चुनाव में बी जे पी को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ही हरवाया है शायद यह भेद अमित शाह और नरेंद्र भाई मोदी जी समझ गए होंगे . केवल नकारात्मक प्रचार से ही किसी चुनाव को जीता नहीं जा सकता साथ ही वर्षों से जो कार्यकर्त्ता और नेता बी जे पी के लिए दिल्ली में काम कर रहे थे उनको नकार कर ऐन चुनाव के समय किरण बेदी का पार्टी में शामिल होना और शामिल होते ही उनको ही मुख्य मंत्री उम्मीदवार घोषित कर देना सरासर बी जे पी की राजनैतिक भूल थी . २०१३ में चुनाव जीत कर आये अरविन्द केजरीवाल पर आरोप था की वे मात्र ४९ दिन की सरकार चलकर भाग खड़े हुए और केवल इसी बात को बी जे पी पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दुहराती रही . कभी नरेंद्र भाई मोदी ने यह नहीं बताया की पिछले ९ महीने में उन्होंने देश की गरीब जनता को क्या दिया उनके जीवन में कौन सा परिवर्तन आया . हाँ विदेशों में उनकी जय जयकार जरूर हुवा .लेकिन मोदी जी की जय जयकार सुनकर ही जनता खुश नहीं हो जाएगी . प्रधानमंत्री जन धन योजना लाया गया पर जमीनी सच्चाई यह है की इस योजना से बहुत से थोड़े लोग ही लाभान्वित हुए होंगे . अपना तो अनुभव यही है की किसी गरीब की मदद करने मैं बैंक में गया और अनुरोध किया की इस गरीब विधवा का खाता खोल दिया जाये मैं ने अपनी गरंटी भी लिया पर खाता नहीं खुला .उसका तो नाही आधार कार्ड बन पा रहा है ना ही वोटर कार्ड बन पा रहा है . मोदी जी ने जो वायदे देश की जनता से किये वह एक भी पूरे नही हुए नाही उसको पूरा करने की दिशा में कोई कदम राज्य सरकारों या केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया किसानों की हालत में कोई भी सुधार नहीं हुवा आज भी जिन किसानों ने आलू उपजाया उनको लगत दाम भी नहीं मिल रहा किसानों ने कर्ज लेकर खाद बीज डाला था और वे अब इस चिंता में हैं की कैसे वे महाजन का कर्ज चुकाएंगे कितनी सरकार आई गयी कभी इन समस्यायों का समाधान सरकारें नहीं ढूंढ पाईं किसान आज भी आत्महत्या की स्थिति में दिखाई दे रहा है खून पसीने से उगाया गया अनाज आज साद रहा है गोदामों के बाहर गरीबों को मिल नहीं रहा है कानून ब्यवस्था में भी कोई सुधार नहीं आया आज गरीबों को न्याय नहीं मिलता बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिलती एक शौचालय का शोर मचा हुवा है वह भी धरातल पर काम होता नहीं दीखता . स्वक्षता अभियान केवल टेलीविजन और नारों में ही नजर आता है अतः मोदी जी को अब समझ जाना चाहिए की जनता ने उनको गरीबों का नेता नही समझा है उनको अमीरों का नेता ही समझती आई थी और आज भी वे अमीरों एवं कारपोरेट घरानों के ही नेता दिखलायी दे रहें हैं बी जे पी को पहले भी पूंजीपतियों की पार्टी कहा जाता रहा है और आज भी ये पार्टी वाही दिखाई दे रही है
केवल अमीरों का ही विकास होता दीख रहा है अतः यह नारा जो नरेंद्र मोदी जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था “सबका साथ सबका विकास ” यह नारा गलत साबित होता दीख रहा है बी जे पी केवल कैसे पूरे देश में बी जे पी का ही राज आ जाये यही सपना देख रही है जो संभव नहीं है अगर सरकार यु ही कोरे वायदे करेगी और उनको पूरा करने की दिशा में कोई काम करती नहीं दिखेगी तो जनता आगे भी दिल्ली की तरह परिणाम देगी क्यूंकि जनता भी अब समझदार हो गयी है जैसे गद्दी दिया वैसे गद्दी से उतार भी देगी अब पार्टी नेताओं को ऐसा समझ लेना होगा दिल्ली का चुनाव परिणाम यही दर्शाता है और साबित करता है की बी जे पी को आम आदमी का साथ नहीं मिला क्यूंकि उन्होंने आम आदमी का कोई काम नहीं किया .
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