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मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ खर्चे

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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शनिवार २८ मई को मोदी सरकार ने इंडिया गेट पर भब्य कार्यकर्म का आयोजन किया क्यूंकि सरकार को अपनी उपलब्धियां जनता को बतानी थी उनकी समझ से जिन प्रदेशों में पिछले विधान सभा चुनावों में बी जे पी चुनाव हार गयी उसका कारन जनता को सरकार की उपलब्धियों को बताया नहीं गया की वे जनता के लिए कौन सी योजनाएं लाएं हैं और उनपर काम कितना किया गया है ?.सरकार ने आंकड़े भी प्रस्तुत किये जिनकी जानकारी अख़बारों से जनता को हो ही गयी थी और बताये गए आंकड़ों में कितनी सच्चाई है उसको दर्शाने के लिए दो -चार भाड़े के बोलने वाले भी जुटाए गए , जो यह कहें की हाँ मोदी सरकार के आने से” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” का बहुत अच्छा प्रभाव हरयाणा राज्य में देखने को मिला है वहां की लड़कियां अब पढ़ने भी लगीं हैं और वहां भ्रूण हत्या में भी कमी आई है .लेकिन जनता को मालूम है की ये आंकड़े ,ये सर्वे ,ये दावे कितने सही हैं जब की वर्तमान में देश में प्रशांत किशोर जैसे भाड़े पर उपलब्ध चुनाव जितवाने वाले एक्सपर्ट मौजूद हैं वहा लोकतंत्र बचा भी रहेगा इसकी क्या गारंटी है? सब कुछ टेलीविजन पर देखने को मिलेगा और अपना देश विश्व का विशालतम गरीबी अमीरी की खायी वाला देश कहलायेगा जिस देश में उद्योगपति बैंकों से हजारों करोड़ का कर्ज लेकर विदेश में जाकर ऐश करेगा और मात्र ४ हजार कर्ज लेने वाले किसान की कुड़की जब्ती होगी और विवश होकर किसान आत्महत्या कर लेगा कृपा करके मोदी जी जनता के इन सवालों पर टेलीविजन कार्यकर्म से प्रकाश डालते तो अच्छा होता और तभी जनता को कुछ आगे आने वाले ३ साल में क्या होनेवाला है इसकी उम्मीद बनती पर ऐसा मोदी जी नहीं करेंगे जिन हजार करोड़ रुपयों को मोदी सरकार ने विज्ञापनों और कार्यकर्मों पर खर्च किये उन रुपयों से हजारों आदर्श ग्राम विकसित हो जाते .सबसे पहले मोदी जी अपने २८२ सांसदों को निर्देश देतें की अपने अपने क्षेत्र में जाएँ और बताएं की उन्होंने कितने गाओं को आदर्श गावं बनने का काम किया है ५ करोड़ प्रतीक सांसद को सालाना मिलता है उन पैसों से कितने गाओं के उध्धार का क्या काम किया उन उपलब्धियों को जिलावार टेलीविजन पर दिखाते फिर भी यह सरकार गरीबों के लिए कुछ करना चाहती है ऐसा जनता को महसूस होता विकास का काम जरूर हो रहा है अपने देश में और निस्संदेह मोदी जी के राज पिछली कांग्रेस सरकार से कहीं ज्यादा काम जमीन पर दिखाई भी दे रहा है . परन्तु गरीब देश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा युँ ही उपलब्धियां गिनवाने में खर्च किया जाये जनता को मंजूर नहीं ऐसा करने से मोदी जी सचमुच सूट- बूट की सरकार ही कही जाने लगेगी .जनता को एक बार पहले भी ऐसा महसूस हुवा था जब मोदी जी १० लाख का सूट पहनकर ओबामा जी के स्वागत के लिए प्रस्तुत हुए थे और इसकी बहुत आलोचना हुयी, उनको ये बात समझ आई लेकिन फिर से मोदी जी ने उपलब्धियां गिनाने और विभिन्न विज्ञापनों में जो एक हजार करोड़ खर्च किये इससे उनके प्रति फिर से उनकी अमीरों की सरकार वाली छवि ही बनेगी अतः सबसे पहले मोदी जी खुद और उनके सांसदों को हिदायत दें की वैसा ही लिबास पहने जिसमें सादगी झलकती हो तभी जनता में सन्देश जायेगा की वर्तमान बी जे पी की सरकार कुशल और ईमानदार नेताओं द्वारा चालित सरकार है और इसके नेता जनता के पैसों पर ऐश करनेवाली सरकार नहीं और इसकी एक मिशाल, बी जे पी में भी एक नेता हैं जो बिहार से सांसद हैं श्री हुकुमदेव नारायण सिंह ,जिनको मैं तक़रीबन ३० सालों से देख रहा हूँ वे सादगी पसंद नेता हैं और सादगी उनके लिबास और विचार से भी झलकती है मोदी जी जिस तरह जनता को आस्वस्थ किये लोकसभा चुनाव के दौरान उनपर जमीनी मॉनिटरिंग करें तब उनको योजनाओं और कार्यकर्मों में क्या कुछ हो रहा है पता चलेगा अगर किसी गरीब का बिमा किया गया तो उसकी मृत्यु उपरांत उसके परिवार को बिमा राशि मिली भी या नहीं इसको दिखाएँ ऐसे कुछ उदहारण दिखाएँ तभी कथनी और करनी का सच पता चलेगा अन्यथा मोदी जी का ग्राफ तो घटना शुरू हो ही गया है ५ राज्यों में से केवल असम ही उनके खाते में आया है इस पर भी मंथन की जरुरत है और अपने मुंह मियां मिठ्ठू बन्ने के बजाये जनता के बीच से ऐसा सन्देश आये की अगली बार भी मोदी सरकार .और यह सब तभी संभव है जब बी जे पी के नेता गलत बयानी से बचें और उनके लिबास और ब्यवहार दोनों में सादगी की झलक दिखाई दे बंगाल में ममता दीदी फिर से जीत का परचम लहरायीं हैं और क्षेत्रीय पार्टियां एक जुट होकर एक मंच पर आने की जुगत में हैं यह देखने को मिला ममता जी के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर. ऐसे में आनेवाले २०१९ के लोकसभा चुनाव तक मोदी जी कुछ ऐसा काम करें की भारतीय जनता पार्टी पर जो सांप्रदायिक होने का दाग लगा है वह मिटे और बी जे पी गरीबों की हितैषी पार्टी के रूप में उभरे वैसे इस देश में सेकुलर पार्टी कोई भी नहीं सेकुलर एक चुनावी मुद्दा भर है जो चुनावों के दौरान ही तेजी पकड़ता है अतः बी जे पी की मोदी सरकार को दिखावा के बजाय काम पर ध्यान देने की ज्यादा जरुरत है .
अशोक कुमार दुबे ,
एस के पुरम , पटना

झलक् है

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