Menu
blogid : 8115 postid : 125

क्या सेक्स एजुकेशन द्वारा बलात्कार,जैसी घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता है ?

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
  • 166 Posts
  • 493 Comments

मेरी राय में नहीं , क्यूंकि जहाँ तक मैं जानता हूँ किसी बच्चे के लिए पहला विद्यालय उसका घर होता है और उसके माता- पिता उसके पहले गुरु का काम करते हैं अगर घर में माहौल ठीक होगा लोगों का आपसी वर्ताव मर्यादा में रहेगा तो किसी सेक्स एजुकेशन की जरुरत नहीं क्यूंकि आज घर में टेलीविजन इन सभी कमियों को दूर कर दे रहा है उसमे तो बिग्यापन ऐसे ऐसे दिखाए जा रहें हैं जो बच्चों की जिज्ञासा सेक्स के प्रति कुछ ज्यादा ही होती जा रही है आज बच्चों को नैतिक सिक्षा की जयादा जरुरत है वनिस्पत के सेक्स एजुकेशन के और अपने देश के विद्यालयों में नैतिक सिक्षा की घोर कमी दिखाई देती है साथ ही उनको चरित्र निर्माण के परती भी रूचि जगानी चाहिए महापुरुषों की जीवनी बतानी चाहिए ताकि उनके जीवनी को जानकर वे प्रेरणा ले सकें और एक सच्चे और इमानदार नागरिक बनकर देश को प्रगति के राह पर ले जाएँ आज हमें किसी सिक्षा की जरुरत है तो कैसे आज के बच्चे एक अछे इन्सान बने इस तरह की सिक्षा की निहायत जरुरत है ज्सिमें दूसरों के प्रति प्रेम आदर सम्मान की भावना जगे मदद की भावना लगों की सोंच में आये आज साधन बहुत बढे हैं पर वे कुछ लोगों के बीच ही ठहरकर रह गए हैं लोगों में लालच की भावना बलवती होती जा रही है और संतोष का कहीं नामो -निशान नहीं है आज ऐसी सिक्षा की जरुरत है सेक्स के बारे में तो आज बालिग होने के पहले सब सीख ले रहे हैं आज के किशोर एवं किशोरी अतः आज जो अपने देशवासियों का नैतिक पतन होते जा रहा है खासकर राजनेताओं का आज लोग संवेदनहीन होते जा रहे हैं ब्याक्तिवादी सोंच बलवती होती जा रही है सामूहिक सोंच का अभाव है अगर कोई ऐसी सिक्षा की बात की जाये तो सार्थक कही जाएगी और आज जो बलात्कार जैसी घटनाएँ दिनोदिन बढ़ रहीं हैं वे सेक्स की सिक्षा के आभाव में नहीं बढ़ रही हैं बल्कि सेक्स के बारे में समय से पहले जानकारी मिल जा रही है उसके लिए ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है साथ हिन् कानून ब्यवस्था बिलकुल ढीली है दोषियों को सजा नहीं मिलती उनका सामाजिक बहिस्कार नहीं होता तभी ऐसी घटनाओं को ये दुष्कर्मी अंजाम देते नजर आ रहे हैं

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply