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मोदी बनाम राहुल एक वाक्युध्ध

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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आज पूरा देश बीजेपी के भावी पीएम् नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस द्वारा देश को थोपे जाने वाले युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को भाषण देते टेलीविजन पर सुन रहा है एक की उम्र ६२ वर्ष है और दुसरे की मात्र ४२ वर्ष एक को देश की राजनीती में हिस्सा लेते ३० वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं और दुसरे को मात्र ९ साल बीते हैं लेकिन दोनों नेताओं में एक बात कामन है और वह है दोनों अविवाहित हैं यानि इनके आगे पीछे कोई रोनेवाला नहीं ऐसे में अगर कोई रोनेवाला है! तो वह है इस देश की असहाय जनता क्यूंकि इस देश को आज जरुरत किसी दमदार प्रधानमंत्री की नहीं बल्कि आज इस देश की जनता को एक ऐसे मसीहा की जरुरत है जो उनके दुःख दर्द को देखते हुए उनके लिए कुछ जनहित कार्य को करता दिखाई दे भूखे पेट को रोटी मिले बीमार बच्चों ,माताओं एवं एवं आम जनो को स्वास्थ्य सुविधा उनके गाँव या कसबे में मिले रहने को झोपडी ही सही जरुर एक आशियाना मिले बच्चे आज जो कुपोषण के शिकार हैं उनको पौष्टीक आहार मिले और रोजमर्रा के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ मिले गरीबी अमीरी की बढती खायी भी कुछ कम होती दिखाई दे ताकि अमीर बनने की होड़ में युवा भ्रमित होकर गलत रास्तों को न अपनाएं बेकार हाथों को काम मिले और मुफ्त अनाज न बांटा जाये काम के बदले अनाज दिया जाये ताकि हमारे देश के युवा एवं युवतियों की कार्यक्षमता बरकरार रहे यु मुफ्त अनाज बांटा गया तो यह देश नाकारों की फ़ौज बनकर रह जायेगा अतः किसी ऐसी योजना को लागू करने के पहले उसके परिणाम के बारे में शोध कर लेना निहायत जरुरी है अपने देश एवं अवाम के हित को देखते हुए प्रतिभा का पलायन न हो उच्च तकनिकी शिक्षा अपने देश में उपलब्ध करायी जाये ताकि इस देश का मेधावी क्षात्र अमेरिका जाने के लिए एच वन वीसा के लिए लाईन में ना खड़ा रहे इसी प्रकार और भी कई समस्याएं हैं जिनके विषय में इस वाक्युध्ध में कोई चर्चा न नरेन्द्र मोदी कर रहें हैं और न हमारे युवा कांग्रेसी नेता श्री राहुल गाँधी ही कर रहें हैं राहुल गाँधी कहते हैं कोई घोड़े पर सवार होकर आये और कहे मैं इस देश की समस्यायों को हल कर दूंगा देश को भ्रष्टाचार मुक्त कर दूंगा ऐसा नहीं हो सकता देश में विकास १२५ करोड़ लोगों को साथ लेकर चलने से होगा मोदी जवाब में कहते हैं घोड़े पर सवार होकर नहीं आवुंगा, मैं पसीना बहाकर आवुंगा क्यूंकि आज तक वे ऐसा ही करते आये हैं राहुल जी गोरखपुर से मुम्बई तक रेल यात्रा करके अनुभव प्राप्त कर चुके हैं दो चार रोज गरीब की झोपडी में रहकर देख चुके हैं झोपडी में रहने वालों को क्या तकलीफ है वे जान चुके हैं और यह सोलह आने सच है की वे गरीब की झोपडी में रात गुजारे पर इसके बाद उन्होंने उस झोपडी में रहने वाले के लिए कौन सा महल बनवा दिया यह भी तो देश को बताएं आज इस देश की जनता नेता के नाम से नफरत करती है क्यूंकि इन नेताओं ने ही उनके जीवन में जहर घोलने का काम किया है उनका जीवन नारकीय बनाया है देश के संसाधनों को लूटकर खाया है और जनता के कमाए धन पर ऐश मौज किया है आलिशान बंगलों में आराम फरमाते हैं और कहते हैं देश के लिए पसीना बहायेंगे नेताओं के झूठे वायदों को सुनते सुनते इस देश की जनता अब उब चुकी है अब वह अपने जीवन में कब बदलाव आएगा? इस जानलेवा महंगाई से कौन सी पार्टी या कौन सा नेता निजात दिलाएगा आज जनता किसी ऐसे नेता की ओर देख रही है और इन दोनों नेताओं में से किसी में वह बात वह इरादा जनता को दिखलाई नहीं दे रहा है और यहाँ समस्याएं एक दो हो तो गिनाया भी जाये अनेकों समस्याएं हैं, आज देश की जनता के सामने और इन नेताओं को कौन और कैसे पी एम् बनेगा इसकी धुन सवार है जनता तंग हो गयी है इनकी बयान बाजी सुनते सुनते और ऐसे बयान ये नेता जनता के बीच नहीं दे रहे हैं ये नेता केवल उद्योगपतियों के बीच बोल रहें और छिपे तौर पर बता रहें हैं की वे इस देश की बागडोर पूंजीपतियों के हाथ में सौंप देंगे सब कुछ निजी कंपनियों के हाथ में होगा शिक्षा ,स्वास्थ्य , खेती खल- खलिहान अर्थ ब्यवस्था बैंक सब कुछ ये नेता निजी कंपनियों को सौंप देंगे और खुद ये प्रधानमंत्री एवं मंत्री बनकर विदेश यात्रा पर निकलेंगे ये चुनाव केवल दिखावे के लिए करेंगे और यह देश अब किसी आसमान से टपकने वाले मसीहा का इन्तेजार करेगा जो बिना किसी लोकसभा चुनाव के उनके रोजमर्रा की तकलीफों को दूर करने उनके बीच हाजिर रहेगा ये नेता केवल वाक्युध्ध करते आये हैं और केवल वाक्युध्ध ही करते रहेंगें जनता को ही कान में ऊँगली डालनी पड़ेगी वरना बहरी हो जाएगी अभी तो चुनाव में एक साल की देरी है तब तक तो बहरी हो ही जाएगी इन नेताओं के बयान सुनते सुनते फिर ये नेता अपने बोलेंगे अपने ही सुनेंगे न हीं कोई इस देश के लिए पसीना बहाने आने वाला है और न ही कोई नेता १२५ करोड़ को साथ लेकर चलने वाला है यह सब चुनावी स्टंट के सिवा और कुछ नहीं
अशोक कुमार दुबे

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