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मोदी सरकार के तीस दिन पूरे होने पर जो कामयाबियों और कमियों का गान हो रहा था तब मैंने निवेदन किया था कि किसी को काम करने का पूरा मौका दिए बिना उसके कामकाज के आलोचना से बचना चाहिए , खास तौर से तब जब कार्यों का विस्तार देश के पटल पर हो जिसमे परिणाम निकलने में कुछ अधिक ही
देर होती है और उत्तेज़ना भी उतनी ही अधिक होती है .
आज जो नरेंद्र मोदी के प्रोत्साहन के परिणाम स्वरुप इसरो ने जो उपग्रह प्रछेपन यान का सफल परीक्षण जिस न्यूनतम लागत पर किया है वो देश के आलोचकों का मुंह बंद करने के लिए पर्याप्त है और देश के लिए सम्मानजनक क्षण है जो दस वर्षों के निरंतर शून्यता के उपरांत लक्षित हुई है .
देश की जनता को चाहिए कि मोदी जी जिस प्रकार से समस्यायों के गर्भ में जाकर उनका उपचार कर रहे है और कड़वी गोलियां दे रहे है इससे निश्चय ही देश को दीर्घ कालीन लाभ होगा , इसलिए क्षणिक परेशानियों को छोड़ कर दूर दृष्टि और वृहद लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए .
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