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एशियन गेम्स का 9वां दिन भारतीय दल के लिए सोने की सौगात लेकर आया. एक-एक करके हमने एशियन गेम्स के 9वें दिन तीन स्वर्ण पदक जीते और आठवां स्थान हासिल कर लिया.
कल दिन की शुरुवात होने से पहले हमने सिर्फ दो स्वर्ण पदक जीते थे. पदक तालिका में हमारा स्थान 15वां था और अभी तक के प्रदर्शन देख ऐसा नहीं लग रहा था कि हमें कोई और स्वर्ण पदक हासिल होगा. 16वें एशियाड में हमने अभी तक पदक तो जीते थे लेकिन शायद स्वर्ण पदक हमारे भाग्य में नहीं लिखा है. लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे शूटरों की बंदूकों में तो यह प्रतीत हो रहा था कि जंग लग गया है. और उनकी बंदूकें फायर नहीं कर रही हैं. और यही बात सोढ़ी को लग गई, और उन्होंने ऐसा प्रदर्शन किया कि डबल ट्रैप का व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीत कर ही दम लिया. रंजन सोढ़ी की जीत की खास बात यह थी कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के शेख अल मख्तूम को हराया. डबल ट्रैप में शेख विश्व नंबर एक हैं, और 2002 के ओलंपिक में शेख अल मख्तूम ही थे जिन्होंने राजवर्धन सिंह राठौर को स्वर्ण पदक से महरूम किया था.
दो-दो उड़न परियां
किसी भी बहुराष्ट्रीय खेल स्पर्धा में एथलेटिक्स एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां हमने कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. उड़नपरी पीटी उषा और फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह भले ही कुछ नाम हैं जिन्होंने देश का नाम ऊँचा किया है लेकिन एथलेटिक्स में हम हमेशा ही पीछे रहे हैं. परन्तु लगता है कि अब यह कारवां बदल रहा है. राष्ट्रमंडल खेलों के बाद अब एशियन गेम्स की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी हमने अच्छी शुरुवात की है. महिलाओं की 10 हजार मी. दौड़ में क्रमश: हमने स्वर्ण व रजत पदक जीता. केरल की 28 वर्षीय प्रीजा श्रीधरन ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए यह दौड़ 31 मि. 50.47 सेकंड में पूरी की और स्वर्ण पदक जीता. जबकि 25 वर्षीय कविता दूसरे स्थान पर रहीं. गौर करने वाली बात यह है कि किसी ने भी यह आंका नहीं था कि हम स्वर्ण और रजत पदक जीत पाएंगे. सभी का मानना था कि स्वर्ण और रजत पदज तो जापान ले जाएगा. जबकि अंत में जापान को कोई भी पदक नहीं मिला.
सुधा बनी रानी
3000 मी. स्टीपलचेज दौड़ से पहले कोई भी सुधा के बारे में नहीं जानता था परन्तु आज उनको पूरा भारतवर्ष जानता है. किसी ने भी नहीं सोचा था कि ग्वांगझू एशियाड खेलों में वह स्वर्ण पदक जीतकर लाएंगी. लेकिन सुधा ने 3000 मी. स्टीपलचेज दौड़ में स्वर्ण पदक जीत हमको पांचवां स्वर्ण पदक दिलाया.
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