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अभी हाल ही में दिल्ली में सम्पन्न हुए थे 19वें राष्ट्रमंडल खेल जिन्हें हम कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम से भी जानते हैं. और अब सिर्फ 12 नवम्बर से ग्वांगझाऊ चीन में आरंभ होंगे 16वें एशियाई खेल जिन्हें हम एशियाड या एशियन गेम्स भी कहा जाता है. दोनों ही अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता या बहुराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं हैं जहां विभिन्न देश कई दिनों तक चलने वाले विभिन्न खेलों में भाग लेते हैं. बहुराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं होने के बावज़ूद भी दोनों खेल प्रतियोगिताओं में बहुत सी असमानताएं हैं.
आइये नज़र डालते हैं कि कैसे हैं दोनों एक-दूसरे से अलग
| कॉमनवेल्थ गेम्स | एशियन गेम्स |
कुल खेल | 19वें | 16वें |
देशों की संख्या | 71 | 45 |
खेलों की संख्या | 17 | 42 |
स्पर्धाओं की संख्या | 272 | 476 |
खिलाड़ियों की संख्या | 6081 | 10000 से अधिक |
स्वर्ण पदकों की संख्या | 272 | 476 |
पहले खेल | 1930 कनाडा | 1951 दिल्ली |
हालांकि अगर हम देशों की बात करें तो कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाले राष्ट्रों की संख्या एशियन गेम्स के मुकाबले बहुत अधिक है. लेकिन जब बात खेलों की संख्या या स्पर्धाओं की आती है तो एशियन गेम्स कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले बाज़ी मार लेता है. जहां कॉमनवेल्थ गेम्स में केवल 17 खेल सम्मिलित हैं वही एशियन गेम्स में यह संख्या करीबन ढाई गुना यानि 42 है. और अगर खेल ज़्यादा होंगे तो स्वर्ण पदक और खिलाड़ियों की संख्या भी ज्यादा होगी. यही नहीं इस बार के ग्वांगझाऊ चीन के 16वें एशियाई खेल तो ओलंपिक से भी बड़े होने वाले हैं. शायद इसका मुख्य कारण एशियाई देशों का खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेना है.
इसके अलावा फुटबॉल, बेसबॉल, बास्केटबॉल, शतरंज, कबड्डी, क्रिकेट, क्यू स्पोर्ट्स, गोल्फ आदि कई ऐसे खेल हैं जो एशियन गेम्स में खेले जाते हैं जबकि कामनवेल्थ गेम्स में वह अभी तक सम्मिलित भी नहीं किए गए हैं.
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