Menu
blogid : 2748 postid : 53

पितृ दोष निवारण या काल शार्प की शांति करने का उपाय…

KAUSHAL PANDEY
KAUSHAL PANDEY
  • 46 Posts
  • 18 Comments

पितृ दोष निवारण या काल शार्प की शांति करने का उपाय…

कालसर्पयोग मुख्या रूप से १२ पारकर के होते है जो मनुष्य के लिए बहुत ही कास्तकारी सीधा होते है , वे निम्न प्रकार के है

(1) अनंत काल सर्प योग, (२)कुलिक काल सर्प योग, (3) वासुकी काल सर्प योग,

(4) शंखपाल काल सर्प योग, (५)पदम् काल सर्प योग,(६) महापद्म काल सर्प योग,

(७) तक्षक काल सर्प योग,(८) कर्कोटक काल सर्प योग,(९) शंख्चूर्ण काल सर्प योग,

(10) पातक काल सर्प योग, (११) विषाक्त काल सर्प योग,(१२) शेषनाग काल सर्प योग, 

अगर आप की कुंडली में पित्रदोश या काल शार्प दोष है तो आप किसी विद्वान पंडित से इसका उपाय जरुर कराएँ.. आप खुद भी अपने कुंडली में देख सकते है की लग्न कुंडली में अगर रहू-केतु के बिच में सभी ग्रह हो तो काल शार्प दोष बनता है . और सूर्य के साथ रहू की युति (साथ) बनता है तो भी पित्र दोष बनता है, अगर किसी के परिवार में अकाल मृत्यु होती है तो भी ये दोष देखने में आता है ….

आप इन सरल उपायों को खुद कर के अपने जीवन में लाभ उठा सकते है…

(1) पीपल और बरगद के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है . या पीपल का पेड़ किसी नदी के किनारे लगायें और पूजा करें, इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है . या फिर प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है .

(२) आप शिवलिंग पर शर्पो का जोड़ा चांदी या ताम्बे का बनवाकर चधयेम, और रुद्रभिशेख करवाएं .

(3) प्रत्येक अमावस्या को कंडे की धूनी लगाकर उसमें खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में पितरों का आव्हान करने व उनसे अपने कर्मों के लिये क्षमायाचना करने से भी लाभ मिलता है.

(4) सूर्योदय के समय किसी आसन पर खड़े होकर सूर्य को निहारने, उससे शक्ति देने की प्रार्थना करने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य मजबूत होता है.

(5) सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण पूजा करने से भी पितृ दोष में लाभ मिलाता है ,

(6) अगर आप द्वाश ज्योतिर्लिन्ग्प का जाप करें तो महादेव मनुष्य को शुख-शांति प्रदान करते है

सोमनाथम ,मल्लिकर्जुना ,महाकालेश्वर , ओम्कारेश्वर , वैजनाथ , भीमाशंकर , रामेश्वरम, नागेश्वर ,

विश्वनाथ , त्रयम्बकेश्वर,केदारनाथ, सिद्देश्वर

सोमवती अमावश्य के दिन या नाग पंचमी पर या महाकालेश्वर मंदिर में जाकर इसकी शांति करें आप को अवश्य लाब होगा ,

ॐ काल शर्पेभ्यो नमः… अगर कोए इस मंत्र को बोल कर कच्चे दूध को गंगाजल में मिलाकर उसमे काला तिल डाले और बरगद के पेड़ में दूध की धारा बनाकर ११ बार परिक्रमम करें , या शिवलिंग पर ॐ नमः शिवाय बोलकर चढ़ाये तो शार्प दोष से मुक्ति मिलेगी…

कौशल पाण्डेय
Mobile No- 09968550003.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh