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ज्योतिष शास्त्र में सभी 12 राशियों का स्वभाव अलग-अलग होता है। जिस व्यक्ति की जैसी राशि होती है उसका स्वभाव भी ठीक वैसा ही होता है। ये राशियां, इनके नक्षत्र आदि हमारे स्वभाव और व्यक्तित्व पर बहुत गहरा असर डालते हैं। इस कारण हर व्यक्ति में प्रेम, रिश्ते, दोस्ती आदि को लेकर अलग-अलग तरह की सोच होती है।
नाम के अक्षर से जानें किस व्यक्ति की कौन सी राशि है
मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
कब नहीं मिलना चाहिए
प्रेमी युगल को शनिवार और अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए। इन दिनों में मिलने से एक-दूसरे के प्रति आकर्षण कम होता है तथा प्रेम में असफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। कन्या अपने हाथों में हरी चूडिय़ां पहनें तथा प्रत्येक शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें।
कब मिलना चाहिए
प्रेमी युगल को यह प्रयास करना चाहिए कि शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। जिस शुक्रवार को पूर्णिमा आ रही हो वह दिन अत्यंत शुभ रहता है। इस दिन मिलने से प्रेम व आकर्षण बढ़ता है। लड़के को अपने हाथ की सबसे छोटी अंगुली में पन्ना (एमरल्ड) की अंगूठी धारण करना चाहिए।
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