Posted On: 23 Mar, 2011 Others में
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माफ करना,
तुम हरामी नहीँ हो
और हरामजादा भी नहीँ।
लेकिन,
जो कुछ भी तुम हो –
उसके लिए –
यह दोनोँ शब्द –
हरामी और हरामजादा –
बहुत छोटे हैँ।
क्योँकि –
हरामी और हरामजादे –
अपनी वल्दियत नहीँ जानते,
और तुमने,
अपनी माँ को –
योरप, अमेरिका, चीन और अरब की गलियोँ मेँ,
नीलाम कर दिया।
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