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नारद गुरु (व्यंग्य)

मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
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मायापति भगवान विष्णु ने नारद को पृथ्वी पर भेजा|अजी, वह विश्व के प्रथम पत्रकार जो है |करतल भिक्षा,तरुतल वासः और चरैवेति,चरैवेति को अपने जीवन का आदर्श मानने वाले नारद विगत चैत्र की अमावस्या को धरती पर पधारे|उत्तर-प्रदेश की राजधानी लखनऊ उनके मार्ग का प्रथम पदो बना|यहाँ हमारे राज्य की मुख्यमंत्री महोदया ने जनता की गाढ़ी कमाई से उगाहे गए धन के बलबूते एक भव्य आयोजन किया हुआ है|लिहाजा,भीडभाड देखकर नारद अपने रिपोर्टिंग इंस्टिक्ट को नहीं रोक सके और अपना तम्बूरा बजाते हुए तम्बू के अन्दर प्रवेश कर गए|नारद की आधुनिक परम्परा का निर्वाह करने वाले मोबाइल तकनिकी से लैस तथाकथित माडर्न पत्रकारों ने इस अजीब से दिखने वाले प्राणी को देखकर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की|अलबत्ता नारद इनकी नजर में एक विदूषक से अधिक और कुछ भी नहीं थे|उन्होंने तो अपने इस पूर्वज को पहचानने से ही इंकार कर दिया|अरे भैया, कार्यकर्ता सम्मेलन है तो, गाना बजाना तो होगा ही|आया होगा कोई अदना नील टिकटार्थी अन्य भारी भड़कम कार्यकर्ताओं का मनोरंजन करने|बात आई गयी हो गई |वैसे भी हम मानव अपने पूर्वज बंदरों को अपने सर पर थोड़े ही बिठाते हैं|जिस प्रकार सुरसा के मुंह की तरह फैलती जा रही औपनिवेशिक संस्कृति ने बंदरों से उनके रहने का स्थान छीन लिया है और वे बेचारे इधर से उधर धकियाये जा रहे है ठीक वैसी ही गति नारद की होनी थी,सो हुई|कहाँ स्वर्ग का एक दिव्य प्राणी और कहाँ दिव्यतम डिजिटल तकनीकी से लैस अधुनातन होमो सेपियंस|नारायण,नारायण.मनु के विरोध पर टिके राजनैतिक वातावरण में एक धुर मनुवादी का पदार्पण|बेचारे नारद इधर उधर धक्का खाते मंच के पास अग्रिम पंक्ति तक पहुँच गए|पीताम्बरधारी के उपासक का इस नीलाम्बरी संस्कृति में अभूतपूर्व स्वागत हुआ|पीछे के उदंड कार्यकर्ताओं की पंक्ति से आगे के प्रकांड कार्यकर्ताओं की पंक्ति में प्रवेश पा जाना इतना आसान भी नहीं है|लिहाजा,अपने इस धुरंधर प्रमोशन पर नारद गुरु भी फूले नहीं समाये|सहसा,मंच पर विराजमान मुख्य आयोजिका से नारद गुरु की नजरें मिली तो वह भौचक हो गए|वहि रूप, वही नाम,नारायण नारायण|शायद आयोजिका ने नारद गुरु की मनःस्थिति को भांप लिया और गरज क्र बोली ये कसरत करवाने वाले बाबाओं तुम्हारे नाड़ीशोधन से इस देश की नालियाँ नहीं साफ होने वाली,इस देश की नाडी में इस देश के कर्णधार सीसा,पारा और कचरा फेक रहे है,दूर हटो,बहुत दिन पाखंडी मनुवादी इस देश पर राज कर लिए, अब इस देश पर राज करना तुम्हारे बूते की बात नहीं|चलो हटो,इस पर हम जैसे मायावी ही राज कर सकते हैं|सारा सभास्थल तालियों की गडगडाहट से गूँज उठा|बेचारे नारद के माथे पर पसीने की बूंदे छलछला उठी|उनकी काया ने अनायास ही भस्त्रिका का प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया|मंच पर उपस्थित लोग खड़े हो गए और एरावत की सूंड की भांति हजार-हजार के नोटों की एक विशाल माला आयोजिका के कदली के समान ग्रीवा प्रान्त में सुशोभित हो गयी|आधुनिक आँखों ने इस अविस्मरनीय दृश्य को कैद कर लिया,नारद गुरु बेतहाशा भागे और भागते ही रहे|उन्हें सूझ ही नहीं रहा था की कहाँ जाये और क्या करें|बेचारे भागते भागते मायावती पहुँच गए|

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