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अथ श्री आई॰ पी॰ एल॰ कथा

मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
मनोज कुमार सिँह 'मयंक'
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लंब दंड,गोल पिँड, भाग-दौड़ प्रतियोगिता (जिसे सामान्य भाषा मेँ क्रिकेट कहा जाता है) ने नारद गुरु की उत्कंठा को संजीवनी पिला दिया। वे मटरु गुरु की तरफ मुखातिब हुए । वैसे भी हिन्दुतान मेँ क्रिकेट का भूत सभी के सिर चढ़कर बोलता है और जबसे आई॰ पी॰ एल॰ बनाम फटफटिया क्रिकेट आया है, तब से हिँदुस्तानी अवाम के सिर से क्रिकेट का बुखार उतरता ही नही प्रतीत हो रहा है। मटरु को भी इस बहस रुपी गपबाजी मेँ मजा आने लगा । पिछले एक महीने से आई॰ पी॰ एल॰ पुराण और उसमेँ लगातार जुड़ते जा रहे एक से एक महारथी दिग्गज किरदारोँ ने खेल को और भी ज्यादा रोमांचक बना दिया है। आई॰ पी॰ एल॰ ड्रामेबाजी के साथ ही साथ एक मजेदार घटना और हो गयी, हिंदुस्तानी टेनिस और पाकिस्तानी बल्ले के दाम्पत्य सूत्र बंधन और उससे जुड़े घटनाक्रम ने समाचार पत्रोँ का खूब स्थान घेरा। वर्तमान मेँ इस मुए आई॰ पी॰ एल॰ ने ब्लागर गुरु शशि थरुर और भावी गुरुआइन ( कृपया पाठक अन्यथा न ले) दोनोँ को सत्ता च्युत कर दिया और शनीच्चर महराज की तरह पता नही और कितनोँ को ग्रसने वाला है? खैर, मामला चटपटा और मसालेदार जरुर हो गया है। इब्तदा-ए-इश्क है रोता है क्या. आगे- आगे देखिये होता है क्या ?
हिंदुस्तान के हर गली कूचे मेँ 54.5 करोड़ मोबाइल फोन 60 करोड़ टी॰वी॰ और लगभग 22 करोड़ कम्यूटर पर जहाँ देखो वहाँ सर्वव्यापी आई॰ पी॰ एल॰ महराज की ही चर्चा है। गुरु! आपके भी जमाने मेँ कहीँ कोई क्रिकेट जैसा गेम होता था? मटरु ने टी॰वी॰ सेट पर आँखे गड़ाये हुए नारद से पूछा।हुँह, होता क्यों नहीं था| भगवन कृष्ण की कहानी याद है न, बेचारे यमुना के किनारे मथुरा के ग्वाल बालों के संग क्रिकेट खेल रहे थे| खेलते खेलते उनकी बाल यमुना नदी के पानी में जा गिरी| उन दिनों यमुना में कालिय नाम का एक भयानक सर्प रहा करता था |यमुना में उसकी संसद लगा करती थी | आई पी एल प्रभु ने आव देखा न ताव छापक से पानी में कूद पड़े | कालिया उन्हें देखकर गुर्राया चल भाग यहाँ से| सड़कों पर बैट बाल खेलकर पड़ोसियों की खिडकियों का सीसा तोड़ते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती,जा भाग जा यहाँ से बाल वाल कुछ नहीं मिलेगा| आई पी एल प्रभु बार बार अंकल जी प्लीज, अंकल जी प्लीज चिल्लाते रहे लेकिन कालिया के कानो पर जूँ भी नहीं रेंगी| अंततः आई पी एल प्रभु को अपना रौद्र रूप दिखाना ही पड़ा और उन्होंने कालिया के फन को एक दुसरे में गूँथ दिया और यमुना से बाल लेकर ही वापस लौटे |समझ गए न गुरु ! क्रिकेट हमारे देश का एक पौराणिक गेम है|बचपन में रामलला भी अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पास वाली गली में अपने बाकि तीनो भाइयों के साथ बैट बाल खेला करते थे |
क्या अनाप शनाप बक रहे हो नारद!अरे उसे क्रिकेट थोड़े ही कहते है, इसका अविष्कार तो अंग्रेजो ने किया है, मटरू ने नारद का प्रतिवाद किया|तुम चाहे जो भी कहो गुरु क्रिकेट है ही बहुत मजेदार खेल|नारद ने सचिन तेंदुलकर के चौके पर ताली बजाते हुए कहा|
खेल ख़त्म होते ही नारद उठ खड़े हुए और मटरू से पूछा,”अच्छा गुरु इ बनारस में लक्खी चौतरा कहा पड़ता है और इसकी क्या कहानी है? मटरू गुरु ने सविस्तार नारद को लख्खी चौतरा से जुडी कहानी सुनाई और बताया की कैसे किसी सेठ ने अपनी नाक बचाने के लिए एक लाख रुपये देकर आज से सौ सवा सौ साल पहले २ गज जमीन खरीदी|वाह गुरु, वाह लाख रुपये देकर किसी ने अपनी नाक बचायी और तब कोई हल्ला नहीं मचा, आज अगर सुनंदा पुष्कर तीन लाख रुपये देकर अपने नाक की प्लास्टिक सर्जरी करवाती है तो इतना शोरगुल क्यों मचता है? किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिये। नारद ने आक्रोशित होते हुए कहा|
सवाल तीन लाख की नाक का नहीं नारद सवाल धन के अनुचित और अनियमित वितरण का है| इस देश के 40% लोग दो जून की रोटी भी मुश्किल से जुटा पाते हैँ, लाखोँ लोग प्रतिवर्ष दवा के अभाव में दम तोड़ देते हैँ ,किसी की किडनियाँ खराब है और किसी को अपने प्रसाधन की सामग्री से ही संतुष्टि नहीँ मिलती।मटरू ने भाषणबाजी के अंदाज में कहा|
वाह,गुरु वाह लगता है अगले इलेक्शन मेँ लंबी पारी खेलने का प्रोग्राम है? वैसे भी गुरु पुरुष प्रधान मीडिया को किसी महिला कारोबारी का आगे जाना कैसे पसंद आ सकता है? प्रीति जिँटा की बात और है।इतना कहने के साथ ही नारद उठ खड़े हुये और जोर-जोर से नारा लगाने लगे-
बोलो क्रिकेट महाराज की जय
नारद गुरु ने अपनी हँथेलियोँ को दीपाकृति प्रदान किया और जोर-जोर से गाने लगे –

ॐ जय आईपीएल देवा, स्वामी जय आईपीएल देवा।
बैट-बाल लेकर के संत करे सेवा।
ॐ जय आईपीएल देवा
तेरी शरण में सुनंदा,शशि थरुर आते|
मोदी,जिँटा,शाहरुख,माल्या अपनाते|
ॐ जय आईपीएल देवा
इन्कम का जरिया तू मनोरंजक ट्वेटी|
मंदिर में गूँजेगी तेरी कम एन्ट्री|
ॐ जय आईपीएल देवा
मुंबई इण्डियन,चैलेजंर और डेयर डेविल।
इन टीमोँ ने चुराया एक अरब का दिल।
ॐ जय आईपीएल देवा
इन्कम टैक्स का छापा जब पड़ता तुझ पर।
सब सियार संसद के हुँआ हुँआ का स्वर।
ॐ जय आईपीएल देवा
शत शत कोटि सुविस्तृत है तेरी माया।
नेता माफिया सबको तूने अपनाया।
ॐ जय आईपीएल देवा
चौका छक्का खाकर पेट गरीब भरे।
जन-गण-मन अधिनायक सब पर राज करे।
ॐ जय आईपीएल देवा
यह आईपीएल की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत ‘मयंक’ हमेशा क्रिकेट लोक पावे।
ॐ जय आईपीएल देवा

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