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हड़प्पा सभ्यता में मोहनजोदड़ो एक रहस्यपूर्ण पुरातात्विक साक्ष्य अपने में समेटे हुए है,मोहनजोदड़ो अर्थात मृतकों का टीला…….ये नाम इसलिए पड़ा,क्योंकि इस स्थान पर बहुत से मानव कंकाल और अस्थियाँ प्राप्त हुई हैं.अब तक ये समझा जाता रहा था,कि मोहनजोदड़ो हड़प्पा काल में सभ्यता का एक कब्रस्तान रहा होगा…..और ये तथ्य काफी समय तक सही माना जाता रहा है. पर आधुनिक अनुसन्धान और साक्ष्यों के विश्लेषण कुछ और ही कहानी प्रकट कर रहे हैं.
मोहनजोदड़ों में उत्खनित अधिकाँश कंकाल अधिकतर घरों के बाहर मुख्य सड़कों पर बिखरे मिले हैं,और अधिकतर एक ही दिशा कि ओर अग्रसर हैं….ऐसा प्रतीत होता है कि तात्कालिक सभ्यता के लोगों ने अन्तरिक्ष में कोई वीभत्स और विस्मयकारी घटित होते देखा,
जैसे कोई धुंद,धुंआ,दावानल अथवा कोई प्राकृतिक आपदा जो अन्तरिक्ष से उनकी ओर बढ़ रही हो . आसमान से शहर की ओर बढती इस आपदा से घबराकर लोग घरों से निकलकर सड़कों पर भागे होंगे,ताकि उस प्रकोप से बच सकें……पर संभवता सड़कों पर पहुँचते-पहुँचते एक प्रलयकारी विस्फोट नें सबको निगल लिया होगा. इस स्थान पर किसी भयंकर बाढ़,भूकंप,ज्वालामुखी विस्फोट,तड़ित अथवा भयंकर तूफ़ान आने के भी कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.अर्थात वहां ये अकस्मात् विनाश की प्राकृतिक आपदा से घटित नहीं हुआ.
फिर इतने लोग एक साथ कैसे मरे,इसका उत्तर मिलता है,सड़कों के दोनों बनी दीवारों की कच्ची मिटटी की ईंटों में,जिस स्थान पर अधिकाँश नर कंकाल मिले हैं,उस सड़क के दोनों ओर की दीवारों में लगी कच्ची ईंटें पिघल गयी,और ईंटें केवल एक दिशा में ही पिघली हुई हैं.
भौतिकी के सिद्धांत के अनुसार सामान्यत: भयंकर से भयंकर आग (दावानल) भी इन ईंटों को इस प्रकार नहीं पिघला सकती. वैज्ञानिकों के अनुसार ईंटों का इस प्रकार पिघलना केवल परमाणु विस्फोट की घटना से संभव है. इस स्थान पर परमाणु विस्फोट का दूसरा साक्ष्य है,इस जगह की बड़ी हुई रेडियो धार्मिकता,अर्थात हवा में रेडियो धर्मी पदार्थों की सामान्य से अधिक मौजूदगी,हज़ारों साल पूर्व हुई घटना के स्थान पर आज भी रेडियो धार्मिकता का स्तर बड़ा हुआ है,जो पुष्टि करता है,यहाँ कभी भयंकर परमाणु विस्फोट हुआ अवश्य था.
एलियंस अर्थात परग्रही जीव सदैव से रहस्य,रोमांच,अविश्वसनीय अथवा अलौकिक का पर्याय रहे हैं.क्या वास्तव में हमारी पृथ्वी के अतिरिक्त किसी अन्य गृह पर भी जीवन पनप रहा है? इस प्रश्न का उत्तर न में कदापि नहीं दिया जाना ही न्यायोचित है.क्योंकि अब तक की घटनाएं,साक्ष्य,अनुसंधान और अन्वेषण,शोध, इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाए हैं,न ही तथ्यों को पूर्णतया अस्वीकार करने की स्थिति में भी नहीं हैं.
ये अवश्य कहा जा सकता है,कि भौतिकी के नियम सिद्धांतों के अनुसार सुदूर भ्रहमांड के किसी गृह या पिंड जीवन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं,और यदि हमारी पृथ्वी और ब्रहमांड की रचना भौतिकी के नियमों सो हुई है,तो अवश्य ही किसी अन्य जगह जीवन की संभावनाएं ९९% हैं. वर्तमान में विश्व के महान वैज्ञानिक और भौतिकविद स्टीफन हाकिंस के विचार और निष्कर्ष तो विल्कुल स्पष्ट हैं….वो कहते हैं कि ब्रहमांड में हमारी पृथ्वी जैसे कई अन्य गृह हो सकते हैं,जहाँ जीवन पनप रहा है. हाकिंस का ये भी मानना है,कि वे तकनीक और कौशल में हमसे बहुत आगे,और विज्ञान में हमसे अधिक सक्षम और शक्तिशाली हो सकते हैं,अत: हमारे वैज्ञानिकों को परग्रही जीवों से संपर्क का प्रयास नहीं करना चाहिय,क्योंकि वे यदि तकनीक में हमसे आगे हुए,तो वे हमारे गृह तक पहुँच सकते हैं,और उनसे पृथ्वी और मानव को गंभीर खतरा भी हो सकता है,हो सकता है वे हम पर आक्रमण कर हमें नष्ट कर दें.
आखिर कार लम्बी खामोशी के बाद रोज़बेल घटना का सच “रोज़बेल मेमो” जारी कर खुलासा कर दिया.
तात्कालिक समाचार पत्रों में “रोज़बेल घटना” का प्रकाशित समाचार
एलियंस और यु.ऍफ़.ओ. से प्रभावित “अमेरिकी सामाजिक न्याय संस्था का लोगो”
ब्लू बुक में उजागर “य़ू.ऍफ़.ओ. के चर्चित स्थान” जहां उड़नतश्तरी देखे जाने की घटनाएं आये दिन होती हैं.
अमेरिका का “प्रतिबंधित एरिया ५१” ऐसा माना जाता है,क़ि अमेरिका या तो अन्तरिक्ष वासियों अर्थात एलियन के संपर्क में है,अथवा य़ू.ऍफ़.ओ. अमेरिका का एक अतिविशिष्ट प्रोजेक्ट है,जिसे अति गोपनीय रखा जा रहा है.इस स्थान पर अक्सर रहस्मय गतिविधियाँ और य़ू.ऍफ़.ओ. देखे जाने के दावे किये जाते हैं.
एरिया ५१ विश्व के सबसे अधिक प्रतिबंधित,रहस्मय और गोपनीय स्थान है,जहां कुछ तो ऐसा चल रहा है,जिसका सच बाकी दुनिया से छिपाया जा रहा है………..और ये भी सत्य है,क़ि इस स्थान से कुछ अनोखे य़ू.ऍफ़.ओ. सामान आकृतियों वाले यान उड़ते देखे गए जाते रहे हैं………और ये भी निश्चित है क़ि स्थान का सम्बन्ध किसी न किसी रूप में य़ू.ऍफ़.ओ. से है.
हाइवे पर एरिया ५१ को दिशानिर्देशित करता संकेत बोर्ड
एरिया ५१ में इन जैसे यान देखे जाने,और उनके वास्तविक फुटेज या फोटो लिए जाने के दावे समय समय पर लोगों द्वारा किये जाते रहे हैं.
अचानक किसी खेत में कड़ी फसल में रात के समय “किसी अनजान शक्ति द्वारा” कुछ आकृतियाँ कड़ी फसलों में बना दी जाती हैं,जोकि अत्यंत विशाल क्षेत्र में कड़ी फसल को एक निश्चित दिशा में गिराकर बनी होती हैं,इनका आकार इतना विशाल होता है क़ि किसी वायुयान से दिशानिर्देशित किये जाने पर,कई लोगों द्वारा बहुत मेंहनत से बनाया जाना संभव है,वो भी एक रात क़ि अवधि में लगभग असंभव है. फिर अचानक,अज्ञात उद्देश के लिए,किसके द्वारा ये बना दिए जाते हैं,ऐसा माना जाता रहा है क़ि ये कार्य किसी एलियन या परग्रही जीव द्वारा किया जाता है.
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