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अरुधंति का बड़बोलापन

Achche Din Aane Wale Hain
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अरुधंति राय क्या पगला गयीं हैं ?

अरुधंति राय ने फरमाया है,कि “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग कभी नहीं रहा”……………………….अरे जब कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा,तो किसका अंग रहा है…………..बताने कि कृपा करें,अरुधंति जी……………..वैसे एक बात तो स्पष्ट है,कि कश्मीर अरुधंति राय के घर का हिस्सा भी नहीं है…………….और न अरुधंति कि नानी या मौसी कि मिलकियत रहा है कभी……………न उनके बाप-दादा कि जायदाद में शामिल रहा है …………………………और वैसे भी पाकिस्तान का अभिन्न अंग हो ही नहीं सकता कश्मीर………………………क्योंकि पाकिस्तान तो खुद ही “दान-पुण्य कि बछिया” जैसा है……………………..हम भारत के लोग लौह-लेखनी से अरुधंति राय और उनके सरमायकारों के ह्रदय पर ये अंकित कर देना चाहते हैं,कि ………..”कश्मीर भारत भारत का अभिन्न अंग ही नहीं,भारत कि शिरायों में दौड़ते रक्त और ह्रदय स्पंदन जैसा है————-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था—————–अभिन्न अंग है—————–और अभिन्न अंग रहेगा”

कश्मीर भारत का अंग है,ये बताने कि ज़रूरत हमें नहीं है—————-क्योंकि जब हमें अपने हाथ के विषय में ये नहीं बताना पड़ता———-कि ये हाथ मेरे शारीर का अभिन्न अंग है————–या ये पाँव हमारे शरीर का अभिन्न अंग है————————या ये चेहरा मेरे शरीर का अभिन्न अंग है—————————————————-बल्कि ये हमारे शरीर के अंग हैं————–इसमें कोई शंका————-कोई संदेह——————–कोई शक————–कि गुंजाइश ही नहीं है.ये एक अकाट्य सत्य है,इसे किसी प्रमाद कि—————-किसी अरुधंति के बयान की आवश्यकता नहीं है.

कश्मीर आज से नहीं अनादि -काल से भारत का अंग———भारत का हिस्सा—————–भारत का प्रवेश द्वार————-भारत का सुरक्षा प्रहरी————-भारत का मुकुट———————–सरताज रहा है———————-भारत की पहचान “पंचनद-अर्थात पांच नदियों (गंगा,यमुना,सरस्वती,सिद्ध और ब्रहमपुत्र) के देश” से होती है,———–और इन पाँचों नदियों का उदगम/उद्भव स्थल कश्मीर या कश्मीर के समीपस्थ क्षेत्र रहे हैं.कश्मीर का जल सदैव से भारत भूमि को सींचता आ रहा है,क्यों कश्मीर भारतीय शरीर का महत्वपूर्ण अंग है.इसे किसी अरुधंति राय के वयां या एनी प्रमाद से झुटलाया नहीं जा सकता,नकारा नहीं जा सकता.

रही बात पाकिस्तान की,तो उसे खुद भारत की धरती पर उकेरा गया है,उसे भारत ने भीख में अपनी धरती का टुकड़ा देकर पाकिस्तान का अस्तित्व सृजित किया गया—————–सो पाकिस्तान तो जन्म से भीख मांगने का आदि रहा है,क्योंकि उसका स्वं का अस्तित्व दान में मिला है——सो भीख माँगना उसका पैत्रिक गुण है———————-आज़ादी के तुरंत बाद,जब भारतीय भूभाग का एक बड़ा हिस्सा उसे मिल गया————-तो उसे संतुष्टि नहीं मिली—————सो आर्थिक मदद के लिए उसने भारत के आगे हाथ फैला दिए————-और भारत के दिए पैसे से पाकिस्तान को खुले आसमान में छत नसीब हुई—————–पाकिस्तान का लालच कभी ख़त्म नहीं हुआ,और भीख मांगने की प्रवृति बदती गयी————-कभी भारत के आगे हाथ फैलाया—————–कभी अमेरिका के आगे हाथ फैला दिया——“हल्दी लगे ना फिटकरी—-फिर भी रंग चोखा” सो आदत के मुताविक १९७२ में बंगलादेश मांगने लगा—————सो बात ज्यादा बड़ी————-तो कुत्ते की तरह से भारत द्वारा दुत्कारा गया—————–सो बाद में उसकी कश्मीर पर लार टपकने लगी——————–कश्मीर हमारा है—कश्मीर हमारा है————-अरे भाई कोई भीख में अपना दिल थोड़े ही निकाल कर दे-देगा———–

दूध मांगोगे तो खीर देंगे—————————-कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे.

अव अरुधंति आप को जाने कौन सा दौरा पड़ गया—————– और सड़कों पर चीखने लगी,कि “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग…………………”ज़रा सी इज्ज़त क्या मिली——कि अपना टेंटा घिसने लगीं——————–अरे भाई तुमसे पूंछ कौन रहा है,जब भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा,तो फिर भारत के साथ कश्मीर का नाम जोड़ क्यों रही हो—————भारत का अभिन्न अंग कश्मीर है,ये अरुधंति राय क्या—-उनके पुरखे तक जानते थे————जब अंग है—तभी तो झुठलाने कि कोशिश कर रही हो कि नहीं है—————-सत्य को दवाने के लिए ही तो झूठ बोला जाता है————-सत्य है,तभी झूठ शव्द है————सत्य नहीं,तो झूठ निरर्थक..

आजकल लोग खुद को चर्चा में बनाये रखने के लिए क्या-क्या नहीं करते,…………………..कोई संसद में छदम संसद रच लेता है…………….कहीं कोई विश्विद्यालय के उपाधि वितरण समाहरोह में अपना गाउन उतार कर फेंक देता है…………..कहीं विश्व के महान भौतिक विज्ञानी कहे जाने वाले “स्टीफन हाकिंस” भगवान् के अस्तित्व को नकारते हुए,ये कहते हैं,की भ्रह्मांड की रचना एक स्रष्टा के बस की बात नहीं…………….पृथ्वी और मानव एवं अन्य जीव-जंतु मात्र एक संयोग और कुछ भौतिक एवं रसायनिक अभिक्रियाओं का नतीजा है………………..इसके अलावा बड़बोला झाड़ते हुए,विद्यवान हाकिंस तो यहाँ तक घोषणा कर डालते हैं…………”कि ब्रहमांड में कहीं न कहीं अन्य ग्रह पर जीव अर्थात मानव है,और ये अन्तरिक्ष जीव (एलियंस )हमसे संपर्क भी करना चाहते हैं,और इन अलियांस कि सभ्यता हमारी सभ्यता से कहीं ज्यादा उन्नत और विकसित है,पृथ्वी से मानव (हमें) को एलियंस से संपर्क से संपर्क करने का प्रयास भी नहीं करना चाहिय………….क्योंकि यदि अन्य ग्रह के निवासी एलियंस को हमारी सभ्यता का पता चल गया तो…………..तो ये अति चिंता का विषय होगा…………….हो सकता है,वे हमारी सभ्यता पर हमला कर दें……………..या हमें कुछ नुक्सान पहुंचा दें”.

ये उदगार दिए हैं आधुनिक युग के महान भौतिक शास्त्री वैज्ञानिक “स्टीफन हाकिंस” ने,जिन्हें unki

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