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६०% नग्न राखी सावंत: फजीता डाट काम

Achche Din Aane Wale Hain
Achche Din Aane Wale Hain
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राखी सावंत बेशर्मी और बेहयाई की घटिया मिसाल…….उनके बारे में मुझे ये कहते हुए,किंचित मात्र भी झिझक,संकोच नहीं है……..नारी,किसी मंदिर की मूरत थी कभी,मगर बेहयाई अब ये बन गयी है,………हसीनो की आदत ये बन गयी है,जिस्म की नुमाइश अब तिजारत बन गयी है.”राखी का इन्साफ” रियेलिटी शो में कुछ भी रियेलिटी नहीं दिखाई जा रही……….इसकी स्क्रिप्ट ही संभवता “पूर्व नियोजित विवाद” की थीम पर आधारित है………..राखी की भ्रष्ट भाषा,ड्रेस डिजाइन,और शो में अंग-प्रदर्शन सब मिल-जुल कर गरमा-गरम विवाद गयी पैदा करने की छिछोरी हरकत से ज्यादा कुछ नहीं है.

कार्यक्रम में झगडे और विवाद सब पूर्व नियोजित हैं—इसका प्रमाण है सैट पर मौजूद “आठ-दस हट्टा-कट्टा कमांडो का मौजूद” रहना,और विवाद होने पर उनकी सक्रियता. इसके एक एपिसोड में “कास्टिंग-काउच” के एक चर्चित प्रकरण जोकि “बालीवुड” के एक नामचीन कास्टिंग डायरेक्टर और “साऊथ की मशहूर अभिनेत्री” के मध्य विवाद पर आधारित था……डायरेक्टर महोदय पर आरोप लगाने वाली अभिनेत्री प्रारम्भ से ही उत्तेजित थी,साथ में राखी के सपोर्ट और उकसाव से बात मारपीट तक पहुँच गयी……और सैट पर ही मरने को दौड़ी नायिका पर डायरेक्टर ने “चार-छै: ….” रसीद कर दिए……..और राखी इन्साफ की देवी बनी इस मारपीट का लुत्फ़ उठाती रहीं……बीच-वचाव और रोक-टोक करने की तो उनसे कामना ही बेकार थी,क्योंकि वो तो बैठी ही विवाद पैदा करने के लिए हैं.

रियेलिटी कुछ ज्यादा ही रियेलिटी तब बन गयी,जब अभिनेत्री के पक्ष में बोलने वाली दूसरी कंटेसटैन्ट ने पैर से चप्पल निकाल कर डायरेक्टर महोदय के दे मारी……दोनों तरफ से एक दुसरे की मान-बहन सरे-आम एक की जाती रही……..दोनों पक्ष उसको गाली देते रहे,जिससे उनका खुद का जन्म हुआ……..गालीगलौच और मारपीट मल्युद्ध तक पहुँच गयी…..पर राखी झगडे के लिए और उकसाती रहीं…..

और तो और…..एक स्थिति ऐसी भी आई,जब नायिका के साथ बैठे कंटेसटैन्ट पर अचानक उबल पड़ीं,भाषा ऐसी की फुटपाथ पर खड़ा मुन्ना भाई भी गच्चा खा जाए………अवे यहाँ क्या देख रहा (अपने उभारों के वीच नुमाया उरोज घाटी की ओर इशारा करते हुए)…….दूंगी एक कान के नीचे………नहीं मैडम मै आपकी आँखों में देख रहा था,कंटेस टैन्ट ने झिझकते हुए कहा)…….सब जानती है मै……कहाँ देख रहा है तू,………यहाँ दुबारा देखा न …………………………… अरे राखी से पूछे कोई,की उन्होंने झाँकने-ताकने या नज़र गडा कर टकटकी बाँध कर देखने लायक छोड़ा क्या है अपने शारीर पर…….सबकुछ तो अपने आप नुमाया हो रहा……चाहो तो आँख बंद करके देख लो……….जब इतनी लाज-वाली हो तो नग्नता का प्रदर्शन कैसा…….सबकुछ अपने आप झाँक रहा है………उन्हें पहले धानको…..फिर किसी पर ऊँगली उठाओ मैडम

फिल्म और टेलेविज़न हो,या शापिंग माल हो चाहें फुटपाथ पर फैला लुंडा बाज़ार…….यहाँ जो दिखता है,वोही विकता है…….कामयावी का नया फंडा……जितना तन उघाड़ लो,उतना कम लो……चमक-धमक और चकाचौंध भरी इस बाजारू शैली में….मादकता……सैक्स…..गरमा-गरम हाट पैकेज……नियान लैम्प की नीली पीली हरी रौशनी में बस सपने और सामान धड़ल्ले से बिकता है.

भारतीय मीडिया और टेलिविज़न घटिया और ओछी पत्रकारिता की भेंट,और टी.आर.पी. के खेल में लुट गयी.यहाँ हर चीज़ को नमक-मिर्च का तड़का लगाकर वेचने की गलाकाट प्रितिस्पर्धा में ————मीडिया ने नैतिक मूल्यों और मर्यादा को ताक-पर-रख दिया,मंडी-हाउस रण्डियों के वाजार की तर्ज पर काम कर रहा है.रियेलिटी शो………एक्सक्लूसिव……लाइव…..सनसनीखेज खुलासा……..रोमांच के नाम पर गटर-की-गन्दगी परोसी जा रही है.

अकथ राखी सावंत निर्लज इन्साफ कथा: आखिर ले ही ली एक मासूम की जान

एन.डी.टी.वी. इमेजिन के रियेलिटी शो “राखी का इन्साफ” ” शो में अमर्यादित और असभ्य भाषा शैली,फूहड़ और अश्लील टीका-टिप्पड़ी करती,और लटके-झटके दिखाती शो की होस्ट “राखी सावंत” को देख मेरे आर्किटैक्ट दोस्त ने कहा——— राखी के चेहरे पर ऊपर की लीपा-पोती देख,अन्दर के रियल मटेरियल का तो पता ही नहीं चल रहा………….क़माल है,प्लास्टर-ऑफ़-पेरिस और जिप्सम बोर्ड को एक्सटीरियर और इंटीरियर डेकोरेटर ने लीपा-पोती कर “मकराना -मार्वल” बना दिया है,………..गज़ब का धोका दिया है……………………और ये फ्रंट में छज्जे और ममती बिना-पिलर के किस बेबकूफ ने डिजाइन की है.

पास से गुज़रते सब्जी वाले ने अपना जुमला भी उछाल दिया—– साहव ” ये अधसड़े सूखे पपीतों पर वैक्सिंग कर “मौसमी और संतरे का जो लुक दिया है न,साफ़ दिखाई दे रहा है…………..पब्लिक बेवकूफ नहीं है,जो गच्चा खा जाए…….मौसमी के बदले संतरे कौन खरीदेगा भाई……… वैसे भी आजकल लोग नीबू ही ज्यादा पसंद करते हैं…………..ये चकोतरे कौन वेबकुफ़ खरीदेगा……..

पास ही खड़ा कवाड़ी वोला………..जो चलता है,वी घिसता है………कोरे का कोरा कब तक रहेगा…..पर अपुन के पास सबकी डिमांड है………ये जो खटारा वैन को डैन्ट-पैंट कर “छैल-छबीली” बना दिया है…..कोई फर्क नहीं पड़ने वाला….कवाड़ तो कवाड़ के भाव विकेगा……अगर किसी को जुगाड़ चलाना है….वो लेगा महंगा इस ठीकरे को….

पीछे से “मुन्ना भाई ” ने छकास डायलाग उछाला——बोला भाई,फ़ोकट में वकत खराब मत करनेका…..बोले तो एक से एक बिंदास आइटम उठा कर ला देता,ये इमेजिन वाला क्या हटेला है………… कहाँ से उठा लाया है बाप,कौन देखेगा इसे…..इ भाई सर्किट समझा इसे….इसे इमेजिन वाले को……..भेझा खराव नहीं करनेका………अपुन रियेलिटी देखने आयेला है……ये लुटी-पिटी से काम नहीं चलनेका……फ़ोकट में नहीं आयेला है इधर,रोकड़ा देकर डिश कनेक्शन लिया है…….बोल इसको….भाई का भेजा फिर गया तो…..उड़ा देगा भेजा,मुंह में नली डालकर….

राख+ई और साबन+त अर्थात राख और सावुन के संयोजन से बनी एक अदद काया ने रिया+ लिटी शो में “कामुक शोपीस” बनकर फिर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है……………अपनी अनाप-शनाप और उल-जलूल हरकतों और उलटे-सीधे वयान दे-देकर खुद को चर्चित और विवादित बनाने की जो तिकड़म “राखी सावंत” ने अपनाई है….वो निश्चय ही वेहद शर्मनाक और लज्जाजनक है.

“इन्साफ” जैसे शव्द और न्याय के नाम पर भद्दा मज़ाक,और न्यायालय जैसे पावन स्थान को “राखी का इन्साफ” रियेलिटी शो में फूहड़ता और अश्लीलता के साथ परोसकर मखौल उड़ाया जा रहा है.

न्याय, इन्साफ और अदालत-यानी लोकतंत्र के तीसरे स्तम्भ का—-मीडिया यानी लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ने ऐसा चीरहरण किया है,सब मान-मर्यादा

प्रकृति प्रदत्त १००% काया में से मात्र ४०% को “रुमालों के जुगाड़” से जबरदस्ती ढके जाने के वाबुजुद,अवशेष ६०% नग्नता को किस तरह आज की बाजारू सभ्यता में कैसे भुनाया जा सकता है,कोई राखी सावंत से सीखे………………..राखी सावंत विंदास और भड़काऊ कथित अभिनेत्री खुद को हमेशा सुर्ख़ियों में बनाए रखने के लिए,कौन-कौन सी तिकड़म भिड़ा सकती है,राखी सावंत के ऐसे अनोखे “नग्नता के निर्लज्ज प्रयोग” सभी जानते हैं.

आजकल कुछ ज्यादा ही सुर्ख़ियों में एवं विवादित रहने के वजह बना “एन.डी.टी.वी. इमेजिन” पर दिखाए जा रहे “रियेलिटी शो” राखी का इन्साफ………………..न्याय और इन्साफ का इतना भद्दा मखौल शायद ही कभी कहीं देखने को मिले…………..”राखी का इन्साफ” शो की होस्ट बनी “राखी सावंत” की ड्रेस देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते है,कि क्या इन्साफ किया जाता होगा…………..मेडिकली भाषा में राखी को देखकर कहा जा सकता है,कि वे ६०% से अधिक नग्न और ४०% नग्नता कतिपय “रुमाल रूपी कपड़ों” से ज़बरदस्ती ढकी गयी है, तिस पर भी राखी के शरीर के कई अंग,और उभार बाहर आने को आंदोलित दिखाई देते हैं……………बेचारे आज़ादी के सपने देख रहे हैं……….और कभी भी किस्मत इनपर मेहरवान हो सकती है,और ये खुशकिस्मत अंग खुली हवा में सांस लेने को स्वतंत्र हो सकते है,………..इसकी संभावना ज्यादा इसलिए भी है,क्योंकि ये “राखी सावंत के शारीरिक उभार” जो है,और राखी जी सदैव खुले को प्राथमिकता देती आई हैं.

राखी के शारीरिक उभारों और “कतिपय कैद” में फंसे अन्य अंगों को ये आज़ादी कब मिलेगी ?…………..वे खुली हवा में सांस ले सकेंगे या नहीं ?……………….संभावना हाँ के पक्ष में ज्यादा है……..परिस्थितियाँ और संयोग इन उभारों के पक्ष में है…….क्योकि मौका है “रियेलिटी शो” और “राखी सावंत” के मिलन का…….वैसे भी “रियेलिटी शो” बिग बॉस में ” ” में अचानक शरीर से “लिपटी तौलिया” हाथ गयी,और उनके शरीर कि प्राकृतिक सुन्दरता १० सैकेंड के लिए उजागर हो ही गयी,शारीरिक उभारों को खुली हवा तो मिली,चाहें १० सैकेंड के लिए ही सही……आज़ादी तो आज़ादी है,एक पल के लिए मिले…..या जीवन भर के लिए……..और वो दिन दूर नहीं जब “राखी सावंत” का एक आध रुमाल उनके तन से अचानक जुदा हो जाए ……….हादसा अचानक कुछ भी हो सकता है………कपड़ों में लगी “स्टैप्स” (बदधियाँ) स्टील की तो है नहीं,जो नहीं टूट सकती…….और भारत में गारंटी किस बात की………..सो कभी-भी कुछ-भी हो सकता है.

जब रैम्प पर कैट-वाक् करती माडल की अंगिया अपने आप गिर सकती……रैम्प पर नंगा कर सकती……..बिग-बॉस रियेलिटी शो में गैस्ट “वीना मलिक” के शरीर से लिपटी एक मात्र तौलिया भी उनकी नग्नता को संभाल न सकी……………..जवानी और उत्तेजना को कौन रोक सकता………सो तौलिया हटी……या यूँ कहें जान बूझ कर हटाई गयी……..आखिर १० सेकण्ड तक वीना मलिक के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनंद कुछ ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त हुआ,………..और वीना मलिक के नग्न सौन्दर्य के दर्शन कर ये लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

कुछ लोग भगवान् से मनौती मांग रहे हैं,कि हे भगवान् कुछ कृपा करो,कुछ “राखी के इन्साफ” में ऐसा मौका दो,कि हम “राखी सावंत” कि अवशेष ४०% नग्नता के दर्शन कर धन्य हो जाएँ…………भगवान् राखी सावंत को कुछ सदबुद्धि दे,कुछ ऐसा चक्कर चला,राखी कि मति में गति कर,उसे ये नुस्खा भी आजमाने की बुद्धि दे…..हे भगवान् एक किलो नारियल के साथ एक किलो पिस्ता वर्फी का भोग लगाऊंगा,साथ ही एक किलो देसी घी के दिए भी जलाऊंगा………….बस थोडा सा दर्शन कर लेने दो…

सिक्के का दूसरा पहलु भी

क्या एक युवक की अवसादग्रस्त आकस्मिक मौत के लिए,पूरी तरीके से राखी सावंत ही दोषी है, ………..या राखी के साथ-साथ एन.डी.टी.वी. इमेजिन चैनल के कारपोरेट मालिक और प्रोग्राम से जुड़े चैनल के अन्य मीडिया कर्मी भी………………क्या राखी सावंत और मीडिया चैनल के अलावा भुक्तभोगी असमय काल-ग्रास की भेंट चढ़े युवक “लक्ष्मण अहिरवार” और उनके परिवार के सदस्य ……………. समस्या की मूल “अनीता” और उसके सगे सम्वन्धी और समाज-सेवी मनोरमा शर्मा भी इस “कतिपय आत्महत्या” को प्रेरित करने की दोषी हैं.

चूँकि “राखी का इन्साफ” जैसे “रियेलिटी शो” में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागी “स्वेच्छा पूर्वक” स्वहित लाभ या प्रतिष्ठा आदि के मोह में भाग लेते हैं…………..और ऐसे रियेलिटी शो अधिकांश्तया प्रतिभागियों के लिए “लाभ का सौदा” ही साबित होते हैं…..चाहें उससे प्रतिभागी को आर्थिक-लाभ हो,या समाज में प्रतिष्ठा-प्रिसिद्धि का लाभ, कभी कभी प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे शो प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य बनाने में भी कारगर होते हैं,और कैरियर बनाने में मददगार भी.

ऐसे प्रोग्राम में प्रतिभागी विना किसी जोर-ज़बरदस्ती अथवा दवाव के,स्वविवेक और स्वेच्छा पूर्वक प्रतिभाग करते हैं………”राखी के इन्साफ” शो में जाने का निर्णय भी लक्ष्मण अहिरवार और उसके परिवार वालों नें…..साथ ही लक्ष्मण की पत्नी अनीता और उसके पारिवारिक सदस्यों और समाज सेविका मनोरमा शर्मा भी अपनी ख़ुशी से अपना अच्छा-बुरा सोच कर ही गए होंगे…………और दूसरी बात ये सभी लोग वालिग़ और व्यस्क भी थे……………इन लोगों ने कार्यक्रम में जाने से पूर्व,पहले इसके पूर्व प्रसारित कार्यक्रम तो देखे ही होंगे,और कार्यक्रम में क्या-क्या होता है भलीभांति परिचित भी होंगे…………इन लोगों ने खुद को इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने से उत्पन्न प्रतियेक पहलु पर विचार भी अवश्य किया होगा………….अर्थात ये लोग मात्र इन्साफ के लिए इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे,बल्कि टी.वी. पर आने की लालसा,राखी सावंत जैसी अभिनेत्री से मुलाक़ात,अपना पक्ष समाज के सम्मुख रखने का अवसर मिलने,और कुछ अन्य हित-लाभ के मोह m

सीरियल के दूसरे एपिसोड में प्रेमनगर थाना इलाके के हंसारी के टौरिया मुहल्ले में रहने वाला लक्ष्मण अहिरवार (23), मां सावित्री, मामी पूजा तथा मामा बलवीर अहिरवार के साथ शामिल हुए थे।
वही, दूसरे पक्ष की ओर से लक्ष्मण की पत्नी अनीता (16) ने अपने पिता खूबचंद्र, मां मायावती तथा सोशल वर्कर मनोरमा शर्मा के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।

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