Menu
blogid : 23122 postid : 1112408

बिहार से होगा देश का भविष्य तय

सामाजिक मुद्दे
सामाजिक मुद्दे
  • 24 Posts
  • 33 Comments

बिहार का चुनाव देश के इतिहास का एक बहुत ही रोचक और निर्णायक मोड़ है इस चुनाव के फैसले आगामी कई वर्षों तक के लिए देश का भविष्य तय करने बाले होंगे। विहार में पिछले कई वर्षों तक एक दूसरे के घोर विरोधी लालू और नीतीश प्रधानमंत्री मोदी जी कर विजय रथ रोकने के लिए एक हो गए या यूँ कहें कि भाजपा विरोधी सभी विचारधाराएँ एक हो गयी हैं जिसमे दिल्ली के दिग्गज केजरीवाल भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवा रहे हैं ।पिछले 4 चरण में सभी पार्टियां अपनी अपनी जीत के दावे जोर शोर से कर रहे हैं और मीडिया भी दो खेमों में बटकर एनडीए और थर्ड फ्रंट दोनों की ही सरकार बनवाने में सक्रिय भूमिका में है। पर देश भर की जनता केवल 8 तारीख का इंतज़ार कर रही है।
अगर बिहार चुनाव के परिणाम में थर्डफ्रंट अपने परंपरागत मुस्लिम यादव समीकरण के साथ पिछड़े वोट पाने में सफल हो जाता है तो यह एक नए समीकरण का उदय होगा और भविष्य में सभी क्षेत्रीय दल अपने अस्तित्व और ताकत का अहसास कराते हुए भारत की राजनीति में अपनी धमक को और ताकत के साथ दर्ज़ करायेगें हालांकि इस फ्रंट के जनक मुलायम सिंह यादव जी ने अपनी राजनीतिक मंशा पहले ही जाहिर कर इस फ्रंट पर सवालिया निशान लगा दिया है पर अगर यह फ्रंट सत्ता में आने में सफल हो गया तो इन्ही मुलायम सिंह जी को वापस होने में कतई देर नहीं लगेगी।
पर अगर मोदी प्रभाव के साथ पासवान और माझी जी यादव जाति के अतिरिक्त शेष पिछड़ी जातियों के वोट के साथ अति दलित वोट को भाजपा के परंपरागत अगड़े वोट बैंक में जोड़ने में सफल हो पाते हैं तो एनडीए को सत्ता की चाभी आसानी से मिल जायेगी। और अगर इस बार विहार में भाजपा अपने सहयोगियों के साथ सत्ता में आ जाती है तो अगले 10 वर्षो के लिए देश का भविष्य तय होने बाला है क्योंकि लगभग यही जातीय समीकरण उत्तरप्रदेश में भी है और उत्तरप्रदेश की राजनीति भी मुस्लिम यादव् समीकरण के सहारे ही सत्ता में आती है।हालाँकि पिछले लोकसभा में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने एकतरफा मोदी जी के पक्ष में मतदान कर पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया था पर विश्लेषकों का मानना है कि 2017 में विधानसभा में फिर जातिगत समीकरण हावी होगा ऐसे में बिहार के चुनाव के नतीजे उत्तरप्रदेश के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होने बाले हैं।अगर बिहार में पिछले 25 साल के जातीय समीकरण बदलते हैं और भाजपा अपने सहयोगियों के साथ सत्ता में आती है तो फिर उसे उत्तरप्रदेश में सरकार बनाने से कोई नहीं रोक पायेगा।ऐसी दशा में भाजपा राज्यसभा के लिए जरुरी बहुमत जुटा लेगी और फिर उसे नए अध्यादेश और कानून बनाने में आसानी रहेगी और मोदी जी अपनी इच्छानुसार काम कर पाएंगे ।साथ ही क्षेत्रीय दलों की हैसियत कम होने से देश में फिर केवल दो दलों की अवधारणा को नया जन्म मिल सकता है।
कुछ भी हो इस चुनाव पर भारत का भविष्य टिका हुआ है और इसमें बाजी जीतने बाला ही सिकंदर कहलायेगा।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh