- 17 Posts
- 18 Comments
अभिजीत सिन्हा
एक बार लोगो ने एक शरीफ आदमी को चुनाव लड़ने के लिए कहा तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया तो लोगो ने जिद ठान ली। बड़ी मुश्किल से मनाया गया, फिर उसे भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया।
जनाब समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए और पूछा “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?
यह सुन वो नाराज़ हो गए ,” जिन लोगों को ये भी नहीं पता कि मैं क्या बोलने वाला हूँ मेरी उनके सामने बोलने की कोई इच्छा नहीं है” और ऐसा कह कर वो चले गए।
इस बार भी उन्होंने ने वही प्रश्न दोहराया , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?”
“बहुत अच्छे जब आप पहले से ही जानते हैं तो भला दुबारा बता कर मैं आपका समय क्यों बर्वाद करूँ ”, और ऐसा बोल के वो फिर वहां से निकल गए।
इस बार भी उन्होंने वही प्रश्न किया , “क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?”
“ ठीक है जो आधे लोग जानते हैं कि मैं क्या बताने वाला हूँ वो बाकी के आधे लोगों को बता दें .”
सन्दर्भ और आशय तो आप समझ ही गए होंगे।
*********************************************************************************************
इस रचना का किसी भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है। नाम, स्थान, भाव-भंगिमा अथवा चारित्रिक समानताये एक संयोग भर है। राजनैतिक और हास्य व्ययंग का उद्देश्य मनोरंजन और विनोद है। किसी भी राजनैतिक दल, समूह, जाति, व्यक्ति अथवा वर्ग का उपहास करना नहीं। यदि इस लेख से किसी की धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक या व्यक्तिगत भावनाओ को ठेस पहुँचती है तो लेखक को इस गैर-इरादतन नुकसान का अफ़सोस है।
*********************************************************************************************
Read Comments