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लालू का आचरण प्रमाण पत्र

Oral Bites & Moral Heights
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सर्टिफिकेट आफ ईमानदारी
सर्टिफिकेट आफ ईमानदारी

    अभिजीत सिन्हा : नई दिल्ली

      आप पार्टी से मिलने वाले ईमानदारी का प्रमाण पत्र पंजाब के सांसदों से छीन कर लालू प्रसाद यादव को दिया जा चूका है। जिसपर मोदी के NSDC ने कड़ी आपत्ति जतायी है SKILL INDIA के दौर में इस तरह प्रमाणपत्र बाँटने से ही इंडिया UNSKILLED रह गया है लोगों ने MAKE IN इंडिया का मतलब प्रिंट सर्टिफिकेट IN INDIA समझ लिया है और केजरीवाल कैसे दे सकते है प्रमाण पत्र? उनका खुद का AFFILIATION तो अन्ना हजारे ने कब का वापिस ले लिया है.

    इस पर देश के पप्पू ने भी चुटकी ली है – मम्मी अब आप समझी मैने लालू एंड नितीश कंपनी के साथ स्टेज शेयर करने से क्यों मना कर दिया था? मुझे बहुत पहले से मालूम है की ये CERTIFICATE से कुछ हो सकता तो मेरा कम्ब्रिज़ और हॉवर्ड वाला सर्टिफिकेट चूल्हे में नहीं झोंकना पड़ता. आप जाओ पटना मै तो चला पटाया. सोनिया जी-चुप कर नासपीटे तुझे क्या पता तेरे उन सर्टिफिकेट के लिए मुझे तेरे पापा के देश का क्या क्या बेचना पड़ा है मेरी बहन के देश में. ख़बरदार जो तूने छुट्टी ली- ये गैंग नया है और तू अभी तक युवा है चुपचाप प्रचार कर और पिछली बार की तरह पटना विमेंस कालेज मत चले जाना- वोट मांगना है वहां, समझा? मुलायम के लड़के को देख- तेरी ही उम्र का है, बिना केजरी / केम्ब्रिज के सर्टिफिकेट के राज्य चला रहा है.

      इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री श्री केजरीवाल ने कहा है की हम तो राजनीती बदलने आये थे जी. लालू जी को बदल दिया अब इस से बड़ा काम और क्या हो सकता है जी? आप नेता आशुतोष ने भी कहा है की- जनता मोदी जी को नकार कर केजरीवाल को दिल्ली का प्रधानमंत्री चुन चुकी है.. इसीलिए अब वो बिहार मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं लड़ रहे है. बाद में दिलीप पाण्डेय ने स्पष्टीकर देते हुए कहा की आशुतोष के कहने का मतलब था मुख्यमंत्री चुन चुकी है आशुतोष ज़रा राष्ट्रपति नज़ीब जंग के व्यवहार से मानसिक रूप से प्रताड़ित चल रहे है. इसलिए वो उनकी और हरलीन कौर की ओर से वो सरबजीत से माफ़ी मांगते है. इसपर संजय सिंह जी ने प्रेस कांफ्रेंस बुला कर ये साफ कर दिया है की – गलती इंसान से ही होती है, केजरीवाल से पहले भी हुई है, कांग्रेस के साथ सरकार बना के, लोकसभा चुनाव हरने के बाद में जनता से माफ़ी मांग ली थी. इस बार हम शीला के साथ नहीं सोनिया जी के साथ है दोनों एक ही पार्टी में है तो क्या अलग तरह की राजनीती करती है. लेकिन माफ़ी मांगने का तो प्रश्न ही नहीं उठता क्योकि चुनाव हारेंगे तो नितीश कुमार हारेंगे. हम तो लड़ ही नहीं रहे है जी? हम तो अलग तरह की राजनीती करने आये है जी.

    नितीश जी ने रैली के बाद फेसबुक पर जो एडिट कर के भीड़ बढ़ा कर गांधी मैदान की तस्वीर लगाई है उस से साफ पता चलता है की केजरीवाल ने चुनाव में सिर्फ तकनिकी सहायता दी है लेकिन फिर भी मोदी भक्त शोशल मीडिया पर जहाँ तहाँ आआपाइयों को पकड़-पकड़ के लालू के बारे में पूछ रहे है. जिसपर केजरीवाल के (दूसरी स्वतंत्रता संग्राम) के सेनानी घंटो लॉजिक समझा रहे है की श्री श्री ने सर्टिफिकेट सिर्फ नितीश जी को दिया है, न की लालू, सोनिया, मुलायम को. लालू तो अब भी उनके लिए चारा चोर है. अगर इस सर्टिफिकेट के झांसे में कुछ सीट / वोट लालू को मिल जाते है तो वो एक बिलकुल अलग तरह की राजनीती होगी बिहार में, दोनों ने अबतक अपने अलग-अलग तरीको से लूटा है. अब अगले 5 साल मिल के नए तरीके निकालेंगे. जनता को पता भी नहीं चलेगा जी. हम तो राजनीती बदलने आये है जी. कालाधन कहाँ है ? पाकिस्तान अब भी क्यों है? बीजेपी का पीडीपी के साथ कश्मीर में गठबंधन क्यों है ? आदि जुमलों से लाज बचा रहे है लेकिन बिहार जा कर सोनिया जी से मंच पर नहीं पूछ पा रहे है की तुम अपना कालाधन तो वापिस लाओ मैडम?

      इस बीच खबर आ रही है की घंटे भर से लालू जी भैंस की आँखों में आँखे डाल कर बस मंद-मंद मुस्कुरा रहे है. – बये बुरबक, नहीं समझी ? हम बोला था न की हम वापस आऊंगा. देख सर्टिफिकेट.

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