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रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ डी आई) पर सरकार के फैसले पर सारे विपक्षी दल एक मत हो कर विरोध प्रकट कर रहे हैं। विरोध भी अलग अलग तरीके से किया जा रहा है। जिससे विरोध भी दिखे और सरकार लोकसभा व राज्यसभा से इस प्रस्ताव को पास भा करा ले। खुल कर एक दो पार्टी को छोड कर कोई सामने नही आ रहा। ऍसी तुच्छ राजनीति को बन्द करो। जनता को भ्रमित मत करो। क्या हमारे देश में अच्छा व्यापार करने वाले उधमियों की कमी है जो बाहरी देशों को व्यापार करने के लिये उत्साहित किया जा रहा है। मैं मानता हूं कि अगर अपने ही देश के उधोगपतियों को मल्टी ब्राडं व्यापार करने के लिये आवश्यक सहायता की जाये तो हमारे देश का पैसा हमारे देश में ही रहेगा और रोजगार के अवसर बढेगें व किसानों को भी फायदा होगा।क्यों हम दूसरे लोगों के ऊपर निर्भर रहें। पर शायद विपक्षी दल अपने निजी स्वार्थ में खुलकर सामने नही आना चाहते। राजनेताओं को देश का भविष्य देखना चाहिये अपना नही। क्योंकि जनता ने उनकों देश के उज्वल भविष्य के लिये संसद में भेजा है उनके निजी स्वार्थ के लिये नही।
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