Menu
blogid : 1004 postid : 152

हिन्‍दी की मुस्‍कराहट गजब ढा रही है

अविनाश वाचस्‍पति
अविनाश वाचस्‍पति
  • 101 Posts
  • 218 Comments

हम हिंदी की ताकत कम होने और उसका असर कम होने का रोना साल भर रोते हैं तथा आजादी के बाद से लगातार रो रहे हैं, वो मुझे तो बिल्‍कुल ठीक नहीं लगता है। आप सरकारी फाईलों, प्राइवेट पत्र-व्‍यवहार कार्यकलापों, दुकानों, दफ्तरों के साइन बोर्ड हिंदी में करके कौन सी मंजिल को पाना चाह रहे हैं। इतने सारे हिंदी अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। आखिर वो सब बाद में रद्दी बनकर कबाड़ में ही तो जाती हैं और सरकारी फाईलों और दस्‍तावेजों का निपटान एक पूरी रस्‍म अदायगी और औपचारिकताओं के बीच उन्‍हें फूंक कर किया जाता है।

अब आप चाह रहे हैं कि हिंदी में खूब काम हो, पुस्‍तकों का भी प्रकाशन हो और बाद में वे रद्दी के भाव बिकें या थोक खरीद के बाद लाईब्रेरियों में सड़ती रहें। तो इससे आप हिंदी समाज को क्‍या देना चाह रहे हैं और क्‍या दे पा रहे हैं। आप हिंदी में बोल रहे हैं, बातचीत कर रहे हैं और आप यह जानते हैं कि हिंदी का सर्वाधिक प्रयोग बातचीत इत्‍यादि में खूब धड़ल्‍ले से किया जाता है और फिर उस बातचीत के कबाड़ में पहुंचने का खतरा भी नहीं रहता है। इस तरह से अनपढ़ और लिखना न जानने वाला भी हिंदी के समुचित विकास में सक्रिय सहयोग कर रहा है। आप उसके कार्यों और उसकी उपलब्धियों  और सक्रियता को किसी गिनती में नहीं गिन रहे हैं। आपको रेलों, हवाई जहाजों, सड़क, दफ्तरों में सर्वाधिक प्रतिशत हिंदी में बात करने वालों का मिलता है, कभी कभार ही कुछ लोग अंग्रेजी में लड़ाई करते दिखलाई देते हैं लेकिन जब वे गाली गुच्‍चा करते हैं तो हिंदी का ही प्रयोग करते हैं। अंग्रेजी में गाली देने में वो बात ही नहीं है जो हिंदी में सहज ही आती है। फिर भी आप हिदी के प्रचार प्रसार को लेकर न जाने क्‍यों चिंतित हैं।

आपने पुरस्‍कार बांटने हैं तो हिंदी में बातचीत करने वालों को एकदम मौके पर पकड़कर पुरस्‍कृत कर दीजिए। जैसे आप सिगरेट पीने अथवा ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के चालान करते हैं,, फिर देखिए आपका हिंदी के उत्‍थान में लगा पैसा हिंदी के विकास में किस बेतरह बढ़ोतरी करता है। आपके इस क्रांतिकारी कदम से उन पब्लिक स्‍कूलों में भी जागृति आएगी जिन्‍होंने हिंदी में बात करने को दंडनीय अपराध बनाकर रखा हुआ है। पुरस्‍कार और नकद पुरस्‍कार का लालच इंसान से जो न करवाए थोड़ा है और यह कदम हिंदी की बढ़ोतरी में सहायक होगा। कई नए नए कीर्तिमान बनेंगे। इसे भ्रष्‍टाचार भी नहीं कहा जा सकता क्‍योंकि यह तो भाषाई विकास के महत्‍वपूर्ण प्रयासों में शामिल किया जाएगा।

इसी प्रकार कोई किसी से अंग्रेजी में बात करे और सामने वाला हिंदी में जवाब दे तो उसे विशेष तौर पर सम्‍मानित किया जाना चाहिए। जिससे अंग्रेजी बोलने वाले को अपनी मूर्खता का अहसास हो और अगली बार से वो भी हिंदी में बात करता मिले। इस बार हिंदी में बात करने की पहल भी उसी की ओर से की गई होगी। मैंने तो महसूस किया है कि इंसान अपनी बात सामने वाले तक पहुंचाने के लिए किसी भी भाषा में बात करे परंतु वे सदैव हंसते खिलखिलाते सदा हिंदी में ही नजर आते हैं। मुस्‍कराते भी सभी हिंदी में ही हैं और ऐसी मुस्‍कराहट बहुत भली लगती है। हंसना खिलखिलाना प्रफुल्‍लता इत्‍यादि हिंदी में ही होते हैं और अच्‍छे लगते हैं जबकि कोई उदास हो, रो रहा हो तो उसके चहरे से साफ झलक जाता है कि इसकी यह हरकत अंग्रेजी में है, उसके चेहरे से ऐसा ही बोध होता है।

तो फिर एक हिंदी आंदोलन चलाने के लिए इस हिंदी दिवस पर संकल्‍प लीजिए कि भ्रष्‍टाचार मिटाने की तर्ज पर हिंदी अपनाने के लिए उपर्युक्‍त और अन्‍य कारगर उपायों पर चिंतन और अमल आज से ही सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय करना शुरू कर देंगे और हम सब अपने प्राणपण से इसमें भरपूर सहयोग देंगे।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh