Menu
blogid : 15572 postid : 589705

शालीनता

बस यू ही थोडा सा.....
बस यू ही थोडा सा.....
  • 4 Posts
  • 1 Comment

ज़िन्दगी की इस भाग-दौड़ में हमारे पास शायद नैतिकता के लिए समय नहीं बचा है। क्या हम कठोर होते जा रहे है या ये सब सिर्फ दिखावा है माडर्न बनने का।
बचपन में नैतिक शिक्षा का विषय पढाया जाता था जिससे की हमारा आचरण सुद्रढ़ हो। हमारा व्यवहार अच्छा हो।
आज किसी को भी लीजिये कुछ भी बोल के चला जाता है और यकिनन ये सब पढ़े लिखे लोग है। कम से कम अनपढ़ तो कोई नहीं।
संसद, लोकतंत्र का मंदिर होता है अगर वहां भी प्रधानमंत्री को अगर भाषा की शालीनता के बारे में बोलना पड़ जाए तो हमारी इस व्यस्त लाईफ के कोई मायने नहीं रह जाते।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh