Tarkash
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एक अजीब बात जो अकसर सुनने में आती है, जब लोग यह कहते हैं कि इंसानियत का धर्म सबसे बड़ा है और हम पहले इंसान हैं हिन्दू या मुसलमान बाद में, तो क्या यह समझा जाए कि कोई धर्म-मज़हब किसी इंसान में इंसानियत पैदा नहीं करता। ऐसे में तो वह सारी बातें जो किसी भी मज़हब-धर्म के ग्रन्थों में दर्ज हैं और जिनसे कोई हिन्दू या मुसलमान बच्चा तहज़ीब, इंसानियत के मायने सीखता आया है, एक तरह से बेमायनी साबित की जाने की कोशिश की जाती है। ऐसे लोग या तो धर्म-मज़हब को समझ ही नहीं पाए या एक तरह से उन बातों को झुठलाने की कोशिश को अंजाम दे रहे हैं जो असल में हमें इंसानियत और जीने के लिए सही राह मुहैया कराती हैं।
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