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डी.टी.सी का शेल्टर कहाँ से लाऊ

INTZAAR
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मथुरा रोड बदरपुर कहने को तो एक पॉइंट जहां से बस पकड़ कर कही भी जाया जा सकता है पर शाशन की नज़र में एक मखोल ? जब पुल बन रहा था तो लग रहा था की यह जगह सभी सुविधाओ से पूर्ण हो जायेगी पर नहीं आज भी कुछ मूल भुत सुविधा से दो चार होना is क्षेत्र के लिए मजबूरी बन गया है
डी टी सी को ही लीजिये पुरे दिल्ली में वार्ड क्लास स्टेंड बना दिए पर इस और तो धियान ही नहीं गया क्यों की इस जगह देश के लोग नहीं रहते है यहाँ के मतदाता मात्र मुह देख कर ही वोट देते है अपनी समझ ना के बरावर है तभी लोग एक हाथ से हांकते है चाहे पड़े लिखे हो या ना पड़े लिखे हो क्या फर्क पड़ता है कोई आन्दोलन हो या ना हो अन्ना देश सेवा की बात करते हो या बी जेपी देश को बचने की बात करती हो और सरकार लुटने की बात करती हो अन्ना कोई परमानेंट तो दिल्ली पड़े रहने वाले नहीं है जो हर कोई डरे पर डरता भी कौन है सिर्फ कुछ अदद नेता क्यों की उनको दर है की उन्ही के घर में उनका विरोध शुरू हो जाएगा और घिराव से मीडिया जीना दूभर कर देगा?
बात कर रहा था की जैत्पुत मोड़ पर एक बस स्टेंड हुआ करता था जिसका नाम कर्ण थाना बदरपुर के नाम से था पर अब बह नदारद है सरकार की लापरवाही कही जाए या जनता की उदासीनता की स्टेंड आज तक नहीं वापिस आ पाया सरकार और अधिकारी धियान दे नहीं सकते क्यों की उनके पास बहुत से काम होते है नेता आपसी बन्दर बाटमें लगे है? अब अआलम यह है की लोग बस के पीछे भागते है की कही तो रुकेगी और चढ़ जाने पर भगवान् को नहीं दिल्ली सरकार को धन्यवाद देते है की चलो बस में बैठ तो गए. बड़ी अच्छी बस लाइ है सरकार ग्रीन ग्रीन और कुल कुल ?
जब चलती बस में चड़ने से कोई गिर जाता है तो याद आती है की चालक ने बस क्यों नहीं रोकी चालक कहता है की यहाँ स्टेंड नहीं है या चलती बस में किसी का हाथ पैर फस जाता है तो चालक से पूंछा जाता तो कह देता की बस देख कर चड़ना चाहिए यानी जनता को ही सब करना है तो सरकार क्या करेगी जवाव मिला की करेगी ना बिजली के दाम …… और किराया तो सर्कार ही बड़ा सकती है जो चीज़ है ही नहीं उसको बेच सकती है यानी पिछले दिनों सुनने में आया जितनी बिजली सरकार ने खरीदी ही नहीं उसकी कही ज्यादा बिजली सरकार ने बेच ली और सरकार आज भी कहती है की बिजली कंपनी घाटे में है है ना अचरज? पर सच है.
जब बस नहीं रुकती है तो चालक से पूंछा जता है की क्यों नहीं बस रोकी तो कहा जाता है की स्टेंड नहीं है या स्टेंड का बोर्ड दिखा दो तो जनता बोर्ड को कहाँ से दिखा सकती है.
ऍमसीडी के लोग सफाई करने नहीं आते है सडको को चिन्हित किया जाता है की अमुख रोड हमारी नहीं है यह है तो कर्मचारी को पकड़ के लाओ की सफाई करने क्यों नहीं आता तो कौन अन्ना हजारे बन पायेगा. जनता की udaaseentaa और netaao का asyog barabar jaaree है aao फिर स्वागत करे और जय कार करे की हम aazaad है dunyaa का sabse बड़ा loktantra है हम.

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