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महक उठती है मिटटी की खुशबु,
चहक उठती है कोयल की रंगीली राग,
खिल जाती है मुस्कान चेहरे पर,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
लहरा उठती है फसलें,
सुंदर सा वातावरण लिए,
गिरती है जब चेहरे पर,
लहर सी दौड़ जाती है तन में,
एक अजब से तरंग लिए,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
सुहाना मौसम हो जाता है,
तरोताजा सा लगता है,
नयेपन की आस लिए,
मिठास पनप जाती है वाणी में,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
जाने ऐसा क्या है,एक बून्द में,
निराशा में भी रौनक मिलती है,
जब एक बून्द चेहरे पे गिरती है,
अपार ख़ुशी सी मिलती है,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
प्यासे से पूछो क्या है कीमत उस बून्द की,
किसान से पूछो,हालत सूखे में,
गर्म मौसम में गिरे तो,
हाल जानो भीगे हुए से,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
खास तो कुछ है इसमें,
जो इंतजार रहता है सबको,
कुछ नए अरमान जगाने का,
सपनों को हकीकत में लाने का,
सिर्फ बारिश की एक बून्द से !!
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