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ऐसा तो देखा पहली बार

Anubhav
Anubhav
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सब कुछ बार-बार नहीं होता। कई मर्तबा तो यह पहली बार होता है और फिर दोबारा नहीं होता। कई बार यह बार-बार होता रहता है। एक जैसी घटनाओं में हम पहली घटना से ही नई घटना की तुलना करते हैं। फिर यह भी समझने का प्रयास करते हैं कि कौन सी घटना ज्यादा बड़ी थी। अब देखो चौराहे में सिपाही का व्यवहार कई बार अच्छा होता है, तो कई बार वह ऐसा आचरण करता है, जैसे सड़क पर व्यक्ति नहीं, बल्कि जानवर हों। एक बार की बात याद है। मै एक मित्र के साथ स्कूटर पर पीछे बैठा था। एक चौराहे पर ट्रैफिक सिपाही खड़ा था। उसने अचानक रुकने का इशारा किया और मित्र ने ब्रेक लगाए। ब्रेक लगाते-लगाते जब स्कूटर रुका, तो चौराहे के निकट तक पहुंच गए। ऐसे में पहली बार ही हमारे साथ यह हुआ कि सिपाही गाली बरसाने लगा। मित्र को गुस्सा आया और उसने सिपाही को समझाने का प्रयास किया कि तमीज से नहीं बोल सकता। इस पर सिपाही चबूतरे से उतरा और हमारी तरफ आगे बढ़ा। उसने जेब से डायरी निकाली और स्कूटर का नंबर लिखने का प्रयास करने लगा। तभी उसकी नजर स्कूटर में लिखे प्रेस शब्द पर गई। इस पर वह बौखलाकर वापस चबूतरे पर चढ़कर खड़ा हो गया और वहं से जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि पत्रकार है तो मेरा क्या बिगाड़ लेगा। हमें हंसी आ गई। सिपाही को तो किसी ने यह भी नहीं बताया था कि हम पत्रकार हैं। ट्रैफिक मामले में मैं हमेशा सतर्क रहता हूं। जब बत्ती लाल हो जाती है, तो उससे पहले ही वाहन रोक देता हूं। दुख यह होता है कि मेरे रुकने के बाद भी पीछे से पांच से सात लोग बत्ती लाल होने के बावजूद आगे बढ़ जाते हैं। उनका शायद ही कभी चालान होता हो। यदि होता भी होगा तो वह यह कहकर माफी मांग लेते होंगे कि ऐसा पहली बार हुआ, माफ कर दो। यहां तो जब पहली बार मैं कार सीखने का प्रयास कर रहा था तो कार भी सड़क छोड़कर फुटपाथ में चढ़ गई। शुक्र है कि पहली बार में कोई नुकसान नहीं हुआ।
व्यक्ति रिश्वत लेता है और पकड़ा जाता है तो वह भी कहता है यह गलती पहली बार हुई। इसके विपरीत वह तो गलती पर गलती दोहराता जाता है। आपदाओं से पहाड़ का नाता हमेशा से जुडा है। कभी यहां के लोगों ने भूकंप के बड़े झटके झेले, तो गांवों ने कभी भूस्खलन का नुकसान सहा। प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही गुलदार का आतंक भी यहां के लोग झेलते हैं। हर बार नुकसान होता है, लेकिन इस बार केदारघाटी समेत जहां कहीं भी जो नुकसान हुआ, ऐसा भी पहली बार ही देखा। आपदाएं तो देखी, लेकिन पहाड़ों में इतनी ज्यादा संख्या में हेलीकाप्टर उड़े यह भी पहली बार ही देखा गया। राहत के नाम पर बाहरी संस्थाओं से जितनी मदद मिली, वह भी पहली बार देखी। कई लोग दूर गांव तक मदद लेकर पहुंचे और कई सड़क से सटे गांव तक ही नाममात्र की राहत सामग्री के साथ पहुंचे। ऐसे लोगों ने मदद कम और अपनी फोटो ज्यादा खिंचवाई। ऐसा भी पहली बार ही देखा। राहत के नाम पर घोटाले होने लगे, वह भी पहली बार ही देखे। हरिद्वार में एक नेताजी के घर पहाड़ों में बंटने वाले खाद्यान्न की सौ बोरी बरामद हुई, ऐसा भी पहली बार ही देखा। एक प्रधान ने राहत सामग्री के ट्रक अपनी साली के गांव पहुंचा दिया और राशन बंटवा दिया, ऐसा भी पहली बार ही देखा। बाद में प्रधान गिरफ्तार हुआ और जेल गया, ऐसा भी पहली बार ही देखा। जब कहा गया कि त्रास्दी में लापता लोगों को एक माह के भीतर मृत मानकर उनके परिजनों को केंद्र व राज्य सरकार से मुआवजा मिलेगा, तो अचानक एक ही दिन में यूपी के लापता लोगों की सूची में एक हजार से ज्यादा नाम जुड़ गए। ऐसा भी पहली बार ही देखा। सिर्फ बार-बार वही दिखे, जो बात अच्छी हो। बुरी घटनाएं एक बार ही दिखने के बाद दोबारा न दिखे, यही मेरी कामना है।
भानु बंगवाल

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