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स्प्रिन्ग को जीतना दबाओ उतना जोर से उछलती है । न्यु वर्ल्ड ओर्डर वाले यहुदी बॅन्कर माफिया मुस्लिम जनता को इसी सिध्धांत से कंटोल कर रहे है । धर्म के नाम से स्प्रिन्ग की तरह उछाला जाता है । डिसेम्बर २०१० में आरब देशों में शुरु हुए विद्रोह को “आरब स्प्रिन्ग” नाम दिया गया । उस आरब स्प्रिन्ग की भुमिका बहुत पहले बनाई गई थी ।
अमरिकी जनरल वेस्ली क्लार्क ने २००७ मे कहा था………
… ९/११ के १० दिन बाद उसे बताया गया डिक चेनी, डोन रम्स्फेल्ड, पोल वोल्फोविट्ज और आधे डजन सहयोगी “तखता पलट” स्किम द्वारा “न्यु अमेरिकन सेन्चुरी” नाम का प्रोजेक्ट बना रहे हैं, इराक का हमला भी इसमें शामिल था ।
६ सप्ताह के बाद वही ओफिसर मिला, पूछा, हमने इराक पर हमला क्यों नही किया है ? क्या अब भी हम इराक पर हमला करने जा रहे हैं ? उसने कहा सर, इस से भी बूरा हाल है, ओफिसरने अपने टेबल के खाने से एक कागज निकाला “अभी ये मेमो डिफेन्स सेक्रेटरी की ओफिस से मिला है, लिखा है हम ५ साल में ७ देश पर हमला कर के वहां की सरकारों को मिटाने वाले हैं…..हम इराक से शुरुआत कर रहे हैं और बाद में सिरिया, लेबेनोन, लिबिया, सोमालिया, सुदान और इरान की तरफ जायेंगे ।
क्लार्क कहता है उस प्लोट का हेतु मिडल इस्ट में अराजकता फैलाते हुए, सब कुछ उथल पुथल कर के उसे अमरिका के कंट्रोलमें लाना था ।
http://youtube.com/watch?v=7mNr1aaDiNw
http://warisacrime.org/node/19200
आरब विद्रोह में अमरिकी धन, अमरिकी मिडिया और नाटो का सैन्य बल काम में लाया गया तथा जमिन पर विद्रोह में अमरिकी फंडेड सिविल सोसाईटियां और मुस्लिम ब्रदरहुड की मदद ली गई । मुस्लिम ब्रधरहुड सारे आतंकी गुटों का लिडर और प्रेरक बल है और खूद अमरिकि सीआईए और बॅन्कर माफियाओं के इशारे चलता है ।
सीआईए के इशारे मुस्लिम ब्रधरहूड मुस्लिम देशों में कट्टरवाद जगाता है और उस के सहारे जनता को पागल करते हैं । जनता पागलपन में रोड पर आ जाती है, विद्रोह बढता है, कुछ लोग मरते हैं तो मानव हक्क और लोकशाही की दुहाई देते हुए नाटो का सैन्य उस देश को हरा देता है और उस देश में अमरिकी पिठ्ठु को सत्ता पर बैठा देते हैं ।
इराक पर सीधा आक्रमण था जनता का कसुर नही था । लिबिया मे जनता भटक गई, बातोंमे आ गई । वरना गद्दाफी के शासनमें जनता को कोइ तकलीफ नही थी । आज २२ पार्टी खडी हो गई है, जनरल नेशनल कोंग्रेस दूसरे पक्ष के सहारे सरकार चला रही है । कोंग्रेस संस्था वैश्विक संस्था है और ये यहुदियों की बनाई हुई है, पूरी दुनिया में कोंग्रेस पक्ष होते हैं जीसमें छटे हुए लोग राज करने के लिए छोड दिये गये हैं । अब लिबिया का क्या हाल होता है वोतो समय ही बतायेगा ।
आज मिस्र समाचार में हैं तो उसे देखते हैं ।
आज के लगभग सारे आरब राज्य ओट्टोमेन राम्राज्य के हिस्से थे । जब ओट्टोमेन तुटा तो अलग अलग प्रदेश के सुबे खूद राजा बन गये । आज के साउदी राजा राजा नही सुबा था ।
प्रथम विश्वयुध्ध के बाद ओट्टोमेन साम्राज्य (खलिफा राम्राज्य) खतम हुआ तो इजिप्त अंज्रेजों के हाथ में चला गया । इजिप्तवासीयों ने अंग्रेजों से लडाई छेड दी तो १९३२ मे महात्मा गांधी अंग्रेजों को बचाने के लिए इजिप्त आये और मुस्लिमों के प्रति नकली सहानुभूति दिखाते हुए अहिन्सा के पाढ सिखाने लगे । लेकिन वहां के अनवर सद्दात जैसे स्वातंत्र संग्रामियों ने हिटलर से प्रेरणा लेते हुए गांधी को भगा दिया । भारतमें भी भारत के मुसलमानो के नकली मसीहा बनने के लिए खिलाफत का आंदोलन छेड दिया जीसमें बिना कारण हजारों हिन्दुओं का कत्ल हो गया । आजादी तक हिन्दु मसलमानो के जगडे चलाये जो भारत के दो टुकडे बनाने में सहायक रहे और ऐसी अराजकता फैल गई की किसीमें सोचने की ताकत नही रहने दी की जो आजादी मिल रही है वो आजादी पूर्ण है या देश भाडे पे चलाने को मिल रहा है ।
मिस्र मे अंग्रेज अपने प्यादे राजा फारुख और जमिदारों द्वारा राज चलाते थे । अधिकारी वर्ग ने राजा और ब्रिटेशरों को देश से भगाने का प्लान बनाया । २३ जुलाई १९५२ में नासीरने राजा फारुख का तख्ता पलट दिया । जनरल मोहम्मद नगीब की अध्यक्षता मे जमिदारों को कंट्रोल करने के लिए जमीन ओनरशीप को घटा दिया, राजकिय पक्षों पर पाबंदी लगा दी, १९५३ मे राजाशाही खतम कर दी । १८५६ मे नासीर राष्ट्रपति चुने गए ।
युरोप के साथ कटुता बढी तो ब्रीटन और अमरिकाने मिस्र के अस्वान हाई डॅम प्रोजेक्ट को मदद करना बंद कर दिया तो रेवन्युं पाने के लिए नासीरने सुयेज नहर का कबजा कर लिया । इस समय तक नासिर अरब दुनिया में एक नायक बन गया था । मिस्र नोन अलायन्ड देशों का अग्रणी बन गया जीन में भारत सहीत एसिया के कई विकासशील देश सदश्य थे । सुयेज का कंट्रोल और उस की कमाई जाते देख ब्रिटन, फ्रेन्च और नये उभरते देश इजराईल ने मिस्र पर आक्रमण कर दिया । सुएज बचाते मिस्र नोन अलायन्ड देशों का हिरो बन गया लेकिन ६ दिन चले युध्ध में ३००० सैनिक खोये, इजराईल ने तबाही मचा दी । इस तबाही से सरकार दिवालिया होने की कगार पर आ गई । आरब में होती घटनाओं और देश में उठते विवादों को सुलजाने की अक्षमता के कारण तनाव में रहते नासिर को दिल का दौरा पडा और २९ सितम्बर १९७० मे उसकी मौत हो गई ।
उस के बाद अनवर सद्दात आये । उसने घरेलु और फोरेन पोलिसियां बदल दी । इजराईल को मान्यता दे दी और दोस्ति का हाथ फैलाया । विकास के नाम पर उधार लिया, इन्फ्लेशन की वजह से मेहंगाई बढी, अमीर गरीब के बीच खाई बनी, १९७७ में रोटी के लिए आंदोलन हुआ । इजराइल से दोस्ति और शांतिवार्ता के कारण उसे नोबेल प्राईज तो मिला पर १९८१ में मुस्लिम ब्रधरहूड के कट्टर पंथियोने मार दिया ।
ये अमरिका दोस्त तो बन गया था गुलाम नही ।
१९८१ से २०११ तक होस्नी मुबारक ने मिस्र पर राज किया । कमसे कम ६ बार उसे मारने की कोशीश हुइ लेकिन हर बार बच गये । २०११ में मुस्लिम ब्रधरहूड और अमरिकी साजिश में मुबारक को सत्ता खोनी पडी । आंदोलनमें मरे लोगों के कारण आज जेल में है ।
सत्ता मे आई मुस्लिम ब्रधरहूड और अमरिकी रिटर्न महम्मद मुर्सि के कारण एक ही सालमें जनता की आंख खूल गई । इन बदमाशों के कारण उन को पहलेवाला मिस्र याद आ गया । फिर से आंदोलन किया और मुर्सि को हटा दिया । जनता के भाग्य से वहां की सेना जनता के साथ है । सेना ने मुर्सि को पकड के कैद कर लिया है, प्रमुख न्यायधिश को सत्ता सौंप दी है । इस घटना से अमरिका चौंक गया है । उस का भांडा फुट रहा है ।
http://bbc.co.uk/hindi/international/2013/07/130704_egypt_army_protest_ml.shtml
http://bbc.co.uk/hindi/international/2013/07/130705_army_arrests_muslim_brotherhood_ml.shtml
तुर्की में भी अमरिकी पिट्ठु सरकार को भगाने की कोशीश हो रही है । सिरिया में अमरिकी आतंकी सिरिया की सरकार को उलटने की कोशीश में है । सिरियाई नागरिक अपनी सरकार के साथ है ।
अमरिकी यहुदी अपने पिठ्ठु नेताओं की खाल बचाने, उनकी जान बचाने के लिए देश विदेश में गांघीवाद फैलाये जा रहे हैं ताकी कभी आंदोलन होता है तो जनता हथियार हाथमें ना ले और नेताओं को मार ना दे ।
अमरिका की दोगली नीति । एक और आतंकवाद से लडने की बात करता है दूसरी और उस के ही नेता आतंकियों के साथ खडे हैं । ये सिरिया मे लडता आतंकी ग्रूप है ।
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मुस्लिमो को अल्लाह कब अकल देगा पता नही । उनके साथ खडे रह कर अल्लाह अल्लाह करो तो आगे पिछे देखते नही, भरोसा कर लेते हैं । कहने वाला कौन है वो भी जानते नही । केहनेवाला ग्लोबलिस्ट यहुदी का चमचा है या अंग्रेज है या कोइ कोंग्रेसी है कुछ देखने की जरूरत नही । अल्लाह कहनेवाला उनका पूरा देश हडप कर जाता है तो भी पता नही रहता है ।
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