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जेट का इन्धन बडे काम का है

भारत बाप है, मा नही
भारत बाप है, मा नही
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jet-fuel

हां, जेट का इन्धन बडे काम का है, हे…..हे…….हा……हा…..हा…..

हम से सवाल करते हैं….फ्लाईट-११ की ऍर होस्टेस ऍरबेज की लेडी से २५ मिनिट तक बात करती रही मदद के लिए, ऍरबेज के ओफिसरने उस लेडी को बात किसी को नही कहने और पायलोट को कोंटॅक्ट करने के लिए क्यों कहता रहा ? टावर के साथ टक्कर होने के बाद ही धीमी गती से क्यों मदद मांगी गई ?

किस से मदद मांगता ? तूम लोगोंने हमें विलन ठहरा दिया है, हम विलनों से मदद मांगता ? ही….ही…..ही..

नेक्स्ट ?

अमेरिकन ऍर-डिफेन्स क्या करती थी, सोई हुई थी ?

पिछली रात हमारे साथ की मिटिंगमें दारु बहुत पी लिया था । और कुछ ?

पेन्टागोन को किसने हिट किया, इतनी सारी जगहों पर, उस जगहों पर कोइ सिक्युरिटी नही थी ? पेन्टागोन डिफेन्स कहां था ?

ऍज अबव…..ऍज अबव…..

लंचटाईम होते ही मिडिया को किसने बाताया वो ओसामा बिन लादेन का काम था ?

हमारे जांच अधिकारी बहुत जल्दी पता कर लेते हैं । ओके ?

एफबीआई की फाईल में मरे हुए आतंकियों के मग-शॉट पहले से ही मौजुद थे ऐसा आपने साबित कर दिया टीवी में तुरंत ही उनकी स्लाईड दिखा कर । वो शोट कब और किसने दिए ?

एफबीआई के पास सारी दुनिया के आतंकी की फोटो रहती है ।

मरे वो वही थे ऐसा उन के नाम का लिस्ट किसने दिया ?

नाम नही बताया जाता, जान का खतरा होता है ।

ब्लॅक-बोक्स क्यों नही मिला या क्यों रीलीज नही किया गया ?

सेन्सेटिव बातें, खूफिया होती है, पब्लिक नही करते ।

नॅशनल ट्रन्सपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड को जांच का अधिकार क्यों नही दिया गया ?

एफबीआई और सीआईए दो काफी थे ।

बेदरकारी के कारण कीसी की नौकरी क्यों नही गई ?

वो एक अचानक हुई घटना थी । किसी का क्या कसुर ।

बिल्डिन्गमें काम करते यहुदियो और अमरिकन नागरिको को उस दिन छुट्टी दे दी गई थी और वर्किन्ग वीजा वाले भारतिय, पाकिस्तानी और अन्य देशों के आदमी को ही काम पर बुलाया गया था ऐसा क्यो ?

इस बात का कोइ आधार हमारे पास नही है । ये अफवाह है ।

सिधे सादे सवालों को अमेरिकन सरकार ने उडा दिए । लेकिन अमेरिकन जनता चुप नही रही । आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स के समुह ने  9/11 का सत्य जानने के लिए एक नई जांच  के लिए हस्ताक्षर एकत्रित कर के एक याचीका दाखिल की । .

http://youtube.com/watch?v=R35O_QQP8Vw

“इमारतें अनायास आग से नहीं गीरा करती, अन्यथा हमे बिल्डिन्ग तोडने वाले विशेषज्ञों की जरूरत कभी नहीं पडती जो बडी सावधानी से बिल्डिन्ग तोडते हैं । अगर एक तिली और पेट्रोल से बडी बडी इमारतें गीरती हो तो ऐसे प्रोफेशनलों की जरूरत ही क्या है ? ये सवाल एक गंभीर मुद्दा पर प्रकाश डाला गया है, उन इमारतों को गीराने में सहायता की गई है ।  हमे सभी विवरण, अपराधियों को उजागर करने के लिए एक जांच की मांग करनी चाहिए, और उन अपराधियों को  न्यायालय के सामने लाना चाहिए । ”

अमरिकन नागरिक केज्युअल ओब्जर्वर होता है और कोइ बात है तो पिछा नही छोडता इस लिए ऐसी बातें उठती रहती है ।

९/११ के लिए ओफिश्यल स्टोरी फिजिक्स के एक नये नियम को सेट करती हुई बनाई गई है । दावा किया गया जेट का धक्का, जेट के कारण आग लगी, धक्के और आग से बिल्डिन्ग का स्ट्रक्चर कमजोर हुआ और पत्ते के महल की तरह बिल्डिन्गें ढह गई ।

१९६० से ले कर २००१ तक अमरिकन जनता जानती है कि ये हाई प्रोफाईल बिल्डिंग भूकंप और जेट के धक्के सह लेने वाली डिजाइन का इस्तेमाल कर के बनाई गई है ।

जब पेट्रोल जलता है तो उस का निस्चित टेम्परेचर होता है, जहां पर वो जलना शुरु करता है, चाहे कितनी देर भी जले, चाहे कितना भी इन्धन का जथ्था हो टेम्परेचर बढेगा नही, और ये टेम्परेचर लोहे के गलन बिन्दु के (melting point) टेम्परेचर से कहीं निचा होता है ।

घरमें रहे स्टव को ही लिजिए, कितनी देर भी जला लो आप का स्टव कभी गलेगा नही ।

तो, किस चीज से बिल्डिन्गें गीरी ? जेट का असर ? नही, उपर की बातें इस बात को खारिज करती है और बिल्डिन्गें तो प्लेन के टकराने के बाद भी एक घंटा जस की तस खडी थी ।

आकलन ये निकलता है की बारुद के अलावा और कोइ शक्ति नही थी इस के पिछे । बिल्डिन्ग ७ भी गीरी, उस के साथ तो कोइ प्लेन नही टकराया था, ना आग लगी थी । जो लोग दो बिल्डिन्ग के गीरने के पिछे जेट का कारन बताते हैं, बिल्डिन्ग-७ की बात करते हैं तो अपना माथा खुजाते हैं । बिल्डिन्ग-७ के बारेमें नही समजा पा रहे हैं, चूप हो जाते हैं ।

उन बिल्डिंग को बनाने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के आर्किटेकने, इन्जिनियर और आर्किटेक आदमीयों की सभा में बडे दुखी भरे स्वर में कहा था “ हामारे सालों के अनुभव, हमारी डिग्रीयां, हमारे लायसन्स, हमारी प्रतिष्ठा की किमत इन पोलिटिश्यन के आगे कुछ भी नही । वो जो कहे वही सच हो जाता है । “

इस पोस्ट को लिखने का एक ही कारण था अमरिका का हरामीपन जनता तक पहुंचाना था ।

उस हरामी पन के आधार से अमरिकी जनता को आतंकवाद से डरा के पेट्रियट ऍक्ट दाखिल कर दिया जीसमें जनता की आजादी पर कुठाराघात हुआ है, जनता डर के कारण विरोध भी न कर सकी ।

उसी हरामी पन के आधार पर अफघानिस्तान और इराक से लडाई करने का बहाना ढुंढ लिया और उन देशों को जीत कर अपने प्यादे बैठा दिये । उसी हरामी पन के आधार पर पाकिस्तान में गोले बरसा रहा है और नजरे कश्मीर पर टिकाई हुई है । उसी हरामी पन के आधार से भारतमें गद्दार हरामियों की फौज खडी कर दी है जो दिन रात कश्मिर को भारत से अलग कर के अमरिका के हवाले करने की कोशीश कर रहे हैं । उसी हरामी पन के आधार पर भारत को अस्थिर करने वाले मिडिया के बाजे पर नाचते हरामी नेता पैदा हो रहे हैं और इस हरामी की इच्छानुसार पूरा सिस्टम बदलने का दावा ठोकते हैं ।

मैंने तो आंखमें मिरची डाल दी है । सोना है तो सोते रहो जागना है तो जागो ।

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http://ae911truth.org/

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