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आज बिहार विधानसभा के चौथे चरण के मतदान चल रहे है. जनता अपने मत का प्रयोग कर आने वाले 5 पांच सालों तक खुद पर हुक्म और सरकार तक अपनी बात करने वाले मुखिया को चुन रही है. यह गणतंत्र का फायदा ही है कि हम अपने ऊपर राज करने वाले को खुद ही चुन सकते है ताकि बाद में यह न कहना पड़े कि यह सब गलती से हो गया.
वैसे जहां तक जनता की बात है तो कई हिस्से इनमें से तो ऐसे है जहां जनता को खुनी और हत्यारे में से किसी एक को चुनना है क्योंकि कोई अन्य उस लायक ही नही. अब अगर आप लक्खीसराय, भागलपुर, मोकामा या बेगुसराय आदि किसी क्षेत्र के मतदाता है तो आपके लिए घोर परिक्षा की घड़ी होगी मतदान देते समय क्योंकि उम्मीदवार ही इतने बढ़िया है कि कुछ कहने ही नहीं.
पहले नजर डालते है लक्खीसराय क्षेत्र की हालत पर. यहां से इस बार राजद की तरफ से सीट लड़ रहे है फुलैना सिंह. अगर इनके आपराधिक मामलों पर नजर डालें तो दर्जन से मात्र एक ही कम केस है. अब तक 11 मामलों में दागी बन चुके फुलैना सिंह पर हत्या का प्रयास, दंगा फैलाने से लेकर चोरी तक के आरोप है, और सोने पर सुहागा है उनकी शिक्षा, दसवीं पास फुलैना सिंह की लक्खीसराय में बहुत चलती है. एक बाहुबलि के तौर पर उनकी प्रसिद्धी घर घर तक है. इनके साथ ही कांग्रेस के राम शंकर शर्मा भी शांति भंग करने के आरोप में दागी है. अब भला इस क्षेत्र की जनता करें तो क्या करें. ऐसे लोगों को अपने घर की शांति कैसे संभालने का मौके दे जो दंगो के मामलें में आरोपित हो.
वैसे भागलपुर की जनता भी दागी को ही वोट दे सकती है क्योंकि मुख्य चार में से तीन उम्मीदवार भी दागी ही हैं. कांग्रेस के अजीत शर्मा पर जहां आपराधिक षड्यंत्र और हत्या का आरोप है तो वहीं भाजपा के अश्विनी कुमार चौबे भी तीन मामलों में कोर्ट के चक्कर लगाते रहते है.
वैसे अगर बेगुसराय के बारें में बात करें तो आपराधिक मामलें तो कम है साथ ही जनता को शिक्षा देने का वादा करने वाले उम्मीदवारों के शिक्षा भी कम है. यहां सपा के दिलीप कुमार जहां मात्र शाक्षर है यानि पढ़ लिख लेत है तो सीपीएम के एमडी. उस्मान दसवीं पास है.
पता नही जनता को इन आकंडों के बारें में मालूम है कि नही लेकिन यह सच उनके भविष्य पर जरुर पांच साल तक भारी पड़ेगा.
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