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बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में छह जिलों के 48 विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. इनमें कई दिग्गज चुनावी अखाड़े में होंगे. ऐसे में मुकाबला रोचक होने के साथ बेहद कांटे का भी है. इस चरण के लिए अब 787 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं.
तीसरे चरण के लिए जिन क्षेत्रों में चुनाव होने हैं वहां पर सबसे कमजोर मानी जा रही पार्टी है कांग्रेस. अतीत में राजद के साथ ही गठजोड़ कर चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस इस बार अकेले ही बिहार के चुनावों में उतरी है.
इस चरण की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस के अलावा वाम दलों के गठजोड़ ने भी अपनी ताकत झोंक दी है. भाकपा, माकपा और भाकपा माले लिबरेशन मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
जहां एक तरफ लालू की पत्नी राबड़ी देवी अपने दोनों विधानसभा क्षेत्रों से जीत पर मुहर लगाना चाहेंगी तो वहीं नीतीश के लाडले और भाजपा-नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और मांझी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के प्रत्याशी गौतम सिंह अपनी किस्मत आजमाएंगे. सारण जिला के एकमा सीट पर बाहुबली मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह की किस्मत जनता तय करेगी तो पश्चिम चंपारण जिला के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे चंद्रमोहन राय भी चुनाव लड़ेंगे. पूर्वी चंपारण जिला के गोविन्दगंज सीट से जदयू बाहुबली स्व.देवेन्द्र दूबे की भाभी मीना द्विवेदी चुनाव लडेंगी.
तीसरे चरण का चुनाव राजद-लोजपा के लिए असली चुनावी परीक्षा होगी, विशेष तौर पर वैशाली और सारण क्षेत्र में वहीं चंपारण तथा गंगा के मैदानी क्षेत्र में जदयू और भाजपा का गठबंधन राजग भी अपना जनाधार बढ़ाना चाहेगा.
वैशाली क्षेत्र को लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान का जबकि सारण को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का गढ़ माना जाता है, ऐसे में सबकी नजरें इस चरण के नतीजों पर होंगी.
प्रचार में दिखे दिग्गज
तीसरे चरण के प्रचार में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, शत्रुध्न सिन्हा जैसे बडे प्रचारक और नेता मंच पर दिखे. जहां कांग्रेस के युवराज ने अपनी पार्टी को लोगों के सामने रखने की कोशिश की तो वहीं शत्रुघ्न सिन्हा के स्टारडम का फायदा उठा भाजपा आगे जाना चाहती है. देखते हैं इतने प्रचार के बाद भी क्या कांग्रेस की नैया यहां पार हो पाती है या नहीं.
सुरक्षा सबसे अहम
पश्चिमी चंपारण में वाल्मिकी नगर और रामनगर तथा वैशाली जिले की पातेपुर विधानसभा सीट नक्सल प्रभावित है. इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक ही वोट पड़ेंगे. ऐसा करने के साथ ही चुनाव आयोग ने इन क्षेत्रों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया है. अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ सीआरपीएफ और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती से इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी तरह की नक्सली वारदात न हो और क्षेत्र में लोग निर्भय होकर अपने मत का उपयोग कर सकें.
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