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बिहार में पांचवें और छठे चरण के चुनावों में इतना अंतर रख कर चुनाव आयोग ने लोगों को कुछ राहत जरुर दी है. हर दिन नेताओं के झूठ सुन-सुन कर और कड़वी भाषा का पान कर के जो कान अब तक पक चुके थे उन्हें मानों थोड़ा आराम मिला हो.
जरा देखिए किस तरह लोगों को मिली राहत. बिहार में राजनीति के सबसे बडे खिलाड़ी लालू जी ने शनिवार तक अपने सभी कार्यक्रम रोक दिए हैं. अब जब घर में राबड़ी जी व्रत रखेंगी तो कैसे बाहर जा सकते हैं नेता जी. लालू के घर में छठ पर्व तो पूरे बिहार में प्रसिद्ध है लेकिन इस बार चुनाव आने से दोनों मियां-बीवी व्यस्त थे पर क्या करें भगवान से बढ़कर तो कुछ नहीं ना इसलिए लगा दिया लालू जी ने ब्रेक अपने चुनाव अभियान पर.
लालू की तरह ही अब उनके प्रतिद्वंदी नीतीश कुमार के चुनावी अभियान में धीमापन आया है किंतु वह पूरी तरह से नहीं रुके है. वैसे नीतीश भी इस बार सरकारी आवास पर ही छठ मनाएंगे. नीतीश कुमार के एक अणो मार्ग पर स्थित आवास पर उनकी भाभी, बहन और बहन की पुत्रवधू छठ व्रत करेंगी. तीनों छठव्रतियों को अर्घ्य देने और खरना के प्रसाद में शामिल रहने के लिए नीतीश कुमार तीन दिनों तक एक अणो मार्ग में ही रहेंगे. उनके मैदान से बाहर रहने से विपक्षियों को कोई फायदा होगा ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि लालू जी भी मैदान से बाहर ही हैं.
लालू जब मुख्यमंत्री थे तब वह भी एक अणो मार्ग के सरकारी आवास में छ्ठ मनाते थे लेकिन जब से सत्ता से हटे तो बगल के सरकारी आवास दस सर्कुलर रोड में भी वैसा ही तालाब बनवाया जैसा एक अणो मार्ग में था. अब लालू जी की बात ही निराली है छठ करना है तो पूरा तालाब ही बना डाला. छठ को लेकर तालाब की साफ-सफाई हो चुकी है और उसे सजा-धजाकर तैयार किया जा रहा है. छठ के दिन लालू यहीं अर्घ्य देंगे.
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो छठ के दिन ही विशेष रुप से प्रचार करेंगे. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के घर छठ तो होगा नहीं इसलिए वह छठ के दिन भी प्रचार करेंगे और वह भी विशेष रुप से. अब कुछ लोग तो इस पर्व की महानता को देखते हुए शांत हैं लेकिन कुछ लोगों का धर्म ही राजनीति है इसलिए वह तो इस दिन भी अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहेंगे.
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