Parivartan- Ek Lakshya
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ईश्वर है
और …
ईश्वर कोई सिध्दांत नहीं
हरेक कारण की ओट में छिपा
वह अदृश्य
दृश्य बनता
अपने होने का भान देता
अपनत्व की पहचान देता
निष्प्रह सम्मान देता .
कल मैं
सारे दिन रोया
कारणों की-
पहचान में खोया
उसने सभाला मुझे
तुम्हारे रूप में
तुम न आते
तुम न आते तो
मैं
न जानें
कब तक रोता
और तुम जानते न जानते
कभी तो वह –
तुम बनता
मुझसे बात करता
मुझे माफ़ करता .
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