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गठजोड़

Parivartan- Ek Lakshya
Parivartan- Ek Lakshya
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और …..

ये ,

इतनें गठजोड़ .

गाँठें और जोड़ .

कौन झेले इन्हें ?

अच्छी लगती है

सौ मिठाइयों के बीच

एक नमकीन,

सौ यथार्थों के बीच

एक यकीन,

kकौन विश्वास करें –

तुम पर

क्या आश करे —

तुम पर ?

रोज लड़ो गे

रोज झगड़ों गे

हम जनता हैं

भारत की जनता

गठबंधन वधू नहीं

कि रोज खड़ी रहेगी

वरमाला लेकर

तुम्हें बरने !

 

 

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