Parivartan- Ek Lakshya
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पशुता को
प्रौढ़ करता –
हिंसक चिंतन,
जब अधीर हो उठता
प्रभुता पाने को
तब,
श्रेष्ठता के साधे –
सारे ऊँचे मानक,
स्वर्णिम संदेशों का शांति पाठ,
यज्ञों की आहुतियां
और …….
स्वयं के साधे विश्वास
और प्रार्थनाऐं,
दे पाएंगे हमें
कितनी सुरक्षा !
चिंतन के दर्पण में
कब पढ़ेंगे हम
समय को ?
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