Menu
blogid : 25489 postid : 1383412

जब तक वक्त सुनहरा था …..

Parivartan- Ek Lakshya
Parivartan- Ek Lakshya
  • 23 Posts
  • 1 Comment

जब तक वक्त सुनहरा था
तेरे दर पर पहरा था
फरियादें ही फरियादें थीं
लेकिन तब तू बहरा था……..
**********************
मद सरिता उफनाई थी तब
टूट गए थे तट बंधन सब
डूब रहे थे पास पड़ोसी
तू चौथे तल बैठा था
फरियादें ही फरियादें थीं
लेकिन तब तू बहरा था
जब तक वक्त सुनहरा था ……..
*************************
बदला वक्त मिटीं वो यादें
आयी गयीं हुईं फरियादें
सबने अपनी रह पकड़ ली
तू बैठा है ,बैठा था .
फरियादें ही फरियादें थीं
लेकिन तब तू बहरा था
जब तक वक्त सुनहरा था …………
**************************
बदल गयीं साडी तस्वीरें
सुखद हुईं अब भाग्य लकीरें
देख छगन अब मगन घूमता
दहसत में कल रहता था .
फरियादें ही फरियादें थीं
लेकिन तब तू बहरा था
जब तक वक्त सुनहरा था ………..
********************************

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh