Parivartan- Ek Lakshya
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कितना भी
पथरीला हो पथ ,
दुर्गम और
कटीला हो पथ ,
पथ के कांटे
चुनने होंगे,
फूलों से पथ
भरना होगा ।
राही !
तुमको चलना होगा
जो राहें
सबको सुख देतीं ,
जीवन
खुशियों से भर देतीं ,
उन राहों पर
साथ-साथ चल ,
कदम मिलाकर
बढ़ना होगा ।
राही !
तुमको चलना होगा
जो शुभ है
वह पथ चुनना है ,
जग ओढ़े,
चादर बुनना है,
नेह प्रेम का
धागा धागा ,
अमन चैन से
रंगना होगा ।
राही !
तुमको चलना होगा
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