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अब और शहादत वतन-परस्तों की फ़िर बर्बाद न होने पाये!
सरहद पर और किसी जवान का सर कलम न होने पाये!
क्यूँ “भारत माँ” का आँचल बारम्बार तार-तार यह होता है?
माता रोती है ,जयचन्दो का कुनबा क्यूँ सिर-सवार होता है?
“हिन्दी-चीनी भाई-भाई” कहने वालों से तुम रहो सावधान!
मुगलों-अँग्रेज़ों की हुकूमत से हुआ संस्क्रति का अपमान!!
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई,आपस मे सदा रहे हैं भाई-भाई!
तुष्टीकरण,धर्म-निरपेछ्ता की नेताओं ने खोदी गहरी खाई!!
इनसे कह दो”मादरे-वतन” और मज़हब दोनो हमको प्यारे!
इन ज़ुमलो पर जो लड्वाये,वो नेता नही है, गद्दार है सारे!!
“भारतवर्ष” को मुगलो ने कह कह “हिन्दोस्तान” बनाया है!
जब हिन्दू-राष्ट्र कह्लाने की बारी आई तो सिर चकराया है!
हम”अल्लाह-ओ-अकबर”कह दें,तुम “वन्देमातरम” तो बोलो!
जिन्हे “मादरे-वतन” पर नाज़ नही,कुछ उनकी आँखे खोलो!!
जो गैर वतन-परस्ती करके खुद को मुसल्मान कहलाते हैं!
वो “मुसल-सल-ईमान”न रखने पर,सिर्फ़ ’गद्दा्र’ कहलाते हैं!!
’जय हो मोदी’,’जय हो योगी’मदरसों पर तिरंगा लहरायेगा!
“वन्देमातरम” जो गायेगा,वो ही केवल भारत्वासी कहलायेगा!!
शपथ तुम्हे १५ अगस्त की इन्डिया नही “भारतवर्ष” बनायेंगे!
खोया सम्मान वापिस ला फ़िर”सोने की चिडिया” कहलायेंगे!!
बोधिसत्व कस्तूरिया एड्वोकेट,कवि पत्रकार
२०२ नीरव निकुन्ज फ़ेस २ सिकन्दरा,आगरा-२८२००७
९४१२४४३०९३
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