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भारत की नारी

samanvay
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लू-लपट के थपेडों मे जो लोहा पीटती है,
पीठ पर बाँध पुरुषों का प्रेम घसीटती है,
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!
एक जून आधी रोटी खाकर बच्चे पाले,
शराब मे धुत्त पति की जो गाली खाले,
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!
पति के हारे दाँव,जो चीर हरण करवाये,
पति परमेश्वर को यम से छीन ले आये,
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!
बीच भँवर जो पति छोड अगर जाये,
बाँध पुत्र को पीठ,दुश्मन से भिड जाये,
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!
गार्गी,मत्रेयी विदुषी-शास्त्रार्थ मे पारंगत,
मेघापाटेकर,अरुन्धति सी जिनकी रंगत,
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!
’तस्य नारी पूज्यन्ते स्वर्गादपि गरीयसी’
खेतों से अंतरिछ मे कल्पना चावला सी
उसको केवल भारत की नारी कहते है!!

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा,आगरा-२८२००७

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