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भारत के किसी भी कोने में चले जाओ, आपको हर कदम पर किसी ना किसी तरह का विवाद सुनने को जरूर मिल जाएगा. कभी धर्म के नाम पर तो कभी राजनीति, कभी किसी की आलोचना पर विवाद तो कभी बेमतलब किसी भी बात को इतना बढ़ा दिया जाता है कि उसकी आग थमने का नाम ही नहीं लेती. कुछ ऐसी ही विवादों से घिर हुई है हमारी बॉलिवुड की फिल्में.
आईए एक नजर डालते हैं उन फिल्मों पर जो पिछले एक दशक में पर्दे पर तो आईं लेकिन आने से पहले ही आलोचनाओं व विवादों में पड़ गईं:
जोधा-अकबर
भारत में जब कभी भी धर्म के नाम पर कुछ हुआ है वहां विवाद जरूर उठा है, इसी का शिकार हुई मुगल बादशाह अकबर और राजवंशी हिंदु राजकुमारी जोधा की प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म ‘जोधा-अकबर’. इस फिल्म पर राजस्थान के जोधपुर में प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस फिल्म को लेकर विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ हुआ है.
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वॉटर
विधवाओं पर आधारित फिल्म वॉटर जिसमें जाने माने एक्टर जॉन इब्राहम ने काम किया है उसे लेकर महाराष्ट्र में काफी विवाद हुआ था. राजनीतिक दल शिव सेना का कहना था कि फिल्म में हिंदु धर्म का निरादर किया गया है जिसके चलते शिव सेना समर्थकों ने फिल्म की कितनी ही पाइरेटिड सीडियों को जला डाला था.
कुर्बान
कुर्बान फिल्म ना तो अपनी कहानी की वजह से विवाद में आई थी और ना ही किसी सीन की वजह से, बल्कि इस फिल्म के एक पोस्टर को लेकर बवाल मचा था. राजनीतिक पार्टी शिव सेना ने फिल्म के पोस्टर में अभिनेत्री करीना कपूर की नग्न पीठ को दर्शाने पर निर्देशक के खिलाफ आवाज उठाई थी.
ओ माई गॉड
धर्म के नाम पर हो रहे व्यापार पर आधारित फिल्म ओ माई गॉड को अनेक हिंदु संस्थाओं का रोष सहना पड़ा था. उनके मुताबिक फिल्म में धर्म का अपमान हुआ और लोगों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ किया गया. लेकिन फिर भी फिल्म का एक भी सीन काटा नहीं गया और इसे सफलता पूर्वक पर्दे पर रिलीज किया गया. यह फिल्म वर्ष 2012 में आई फिल्मों मे से सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी.
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गोलियों की रासलीला राम-लीला
जिस नाम से संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज किया गया था, दरअसल वो फिल्म का असली नाम नहीं था. फिल्म का नाम केवल ‘राम-लीला’ रखा गया था जिसपर यह बवाल हुआ कि भगवान राम के नाम को फिल्म की कहानी के विपरीत दर्शाया जा रहा है जो की किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता. इसके चलते निर्माताओं ने फिल्म के नाम के आगे गोलियों की रासलीला लगा दी.
माई नेम इज खान
फिल्म में पर्दे पर आने से ठीक पहले कुछ बवाल उठे जिसमें से एक था शाहरुख खान को अमेरिकी एयरपोर्ट पर रोका जाना, वो भी तब जब वो इस फिल्म के प्रमोशन के लिए अमरीका गए थे. दूसरा विवाद तब हुआ जब क्रिकेट सीरीज आईपीएल में एक पाकिस्तानी खिलाड़ी के भाग ना लेने के पीछे शिव सेना व शाहरुख के बीच विवाद हुआ. इसके चलते लोगों ने सिनेमा घरों में आग भी लगा दी.
सिंह इज किंग
सिख धर्म की महानता की झलक दर्शाने वाली इस फिल्म को लेकर सिखों द्वारा विरोध किया गया था. सिख पंथ के लोगों का कहना था कि फिल्म के अभिनेता अक्षय कुमार ने फिल्म के कुछ सीन में काफी गलत तरीके से अपनी दाढ़ी को कटवाया है जो कि सिख धर्म की मान्यताओं के खिलाफ है. इस बात को लेकर अक्षय ने सिख पंथ के लोगों से खुद माफी भी मांगी थी.
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राजनीति
कैटरीना कैफ, रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल, मनोज बाजपाई व नाना पाटेकर की इस फिल्म को लेकर स्वयं राजनीतिक पार्टियों द्वारा आलोचना की गई. फिल्म में कैटरीना कैफ के किरदार को यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी की निजी व राजनीतिक जिंदगी से जोड़ा गया, लेकिन निर्देशक प्रकाश झा ने ऐसी सभी बातों को खारिज किया और कहा कि उनकी यह फिल्म महाभारत से प्रेरित है. फिर भी अंत में फिल्म के रिलीज होने से पहले कुछ डायलॉग व सीन हटाए गए थे.
स्टुडेंट ऑफ द ईयर
निर्देशक करण जोहर की यह फिल्म एक प्रेम कहानी थी लेकिन फिर भी इस पर विवाद उठा, जिसका कारण था फिल्म का एक गाना ‘राधा’. इस गाने में राधा को ‘सेक्सी’ बताया गया जो कि हिंदु धर्म के एक जाने माने व पूजनीय चेहरे राधा के लिए अपमानजनक विषय था. इस गाने के विरोध में बिहार के मुजफ्फरनगर के पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी जिसमें फिल्म के निर्देशक से लेकर संगीतकार तक सभी के नाम डाले गए थे.
डर्टी पिक्चर
बोल्ड अवतार में आई विद्या बालन की इस फिल्म को लेकर पहला विवाद यह उठा कि निर्देशकों ने यह मानने से ही इनकार कर दिया कि यह फिल्म दक्षिण भारतीय सिनेमा की अभिनेत्री ‘सिल्क स्मिता’ की जिंदगी पर आधारित है, पर बाद में निर्माताओं ने इस बात को मान लिया था. इसके बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने आडे हाथों लिया और इसके कितने ही सीन कटवा दिए. इतना ही नहीं, फिल्म को टीवी पर रात 11 बजे से पहले दिखाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया.
आरक्षण
अमिताभ बच्चन व सैफ अली खान स्टारर इस फिल्म की कहानी को जाने बिना ही लोगों ने बवाल खड़ा कर दिया था. फिल्म का नाम आरक्षण होने पर ही बवाल उठाया गया और साथ ही सैफ अली खान को दलित के रूप में दर्शाने जाने पर दलित संगठनों द्वारा जमकर हंगामा किया गया. फिल्म पर उत्तर प्रदेश, पंजाब व आंध्र प्रदेश में रिलीज करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
फैशन
ग्लैमर जगत पर आधारित इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा व कंगना रनावत का सबसे बड़ा किरदार था. कहा जा रहा था कि इस फिल्म में कंगना के किरदार को एक पूर्व मॉडल गीतांजलि नागपाल की जिंदगी को आधार बनाकर दर्शाया गया था. एक दशक पहले गीतांजलि भी ठीक इसी तरह ग्लैमर दुनिया से बिछड़कर नशे का शिकार हुई थी और सड़कों पर भीख मांगते हुए नजर आई थी. महिला संगठनों ने इस फिल्म के रिलीज ना होने पर काफी विरोध किया लेकिन अंत में सेंसर बोर्ड द्वारा ‘एडल्ट मूवी’ का टाइटल देकर मधुर भंडारकर की इस फिल्म को पर्दे पर उतार दिया गया.
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