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आमिर बनाम शाहरुख

वाया बीजिंग
वाया बीजिंग
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हिंदी फिल्‍मों की लोकप्रियता और बिजनेश का सही आकलन सोमवार के बाद ही होता है। सप्‍ताहांत के तीन दिन तो फिल्‍म आक्रामक प्रचार और दर्शकों को सिनेमाघरों में ठेलने की जोर-जबरदस्‍ती से चलती हैं। पिछले कुछ समय से निर्माता और वितरक पहले दिन और सप्‍ताहांत के आंकड़े देकर दर्शकों को आक्रांत करने लगे हैं। उनके मन में यह भ्रांति बिठाई जाती है कि फिल्‍म हिट हो चुकी है या हो रही है। जिन दर्शकों ने फिल्‍म फिल्‍म नहीं देखी होती है, उन पर मनोवैज्ञा‍निक असर होता है और वे सिनेमाघरों में इस दबाव के तहत घुसने लगते हैं। कई फिल्‍मों ने एक से तीन दिनों के अंदर सुपरहिट होने का दावा कर दर्शकों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डाला है।
‘माय नेम इज खान’ अपनी खूबी और विवाद के कारण दर्शकों की ताजा पसंद बन गई है। शिवसेना और शाहरुख खान के विवाद ने फिल्‍म को बहुत चर्चित किया। यह फिल्‍म थिएटर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर चली। रविवार के बाद आज सोमवार से यह फिल्‍म थिएटरों में सीमित हुई है। फिल्‍म की लोकप्रियता का सही अनुमान आज के बाद ही चलेगा। वैसे, इस फिल्‍म को ऐसी मिली है कि सिनेमाघरों में आ रहे दर्शकों की रफ्तार थमते-थमते थमेगी। ‘माय नेम इज खान’ ने पहले दिन ही ग्‍लोबल स्‍तर पर 25 करोड़ रुपयों से अधिक का व्‍यापार कर लिया है। ‘माय नेम इज खान’ के लिए यह बड़ी छलांग है, क्‍योंकि दिसंबर में रिलीज हुई ‘3 इडियट’ के रिकार्ड कलेक्‍शन के बाद ऐसा प्रोजेक्‍ट किया जा रहा था कि आमिर खान की फिल्‍म का रिकार्ड टूटने में समय लगेगा। ‘माय नेम इज खान’ के कलेक्‍शन की यही गति रही तो यह फिल्‍म नए रिकार्ड स्‍थापित करेगी। हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री के लिए यह सुखद और उत्‍साहवर्द्धक बात होगी।

ब्रांड और मार्केटिंग के विशेषज्ञ और रणनीतिकार अब ‘माय नेम इज खान’ के कलेक्‍शन को शाहरुख खान की लोकप्रियता से जोड़ने की मुहिम में लगे हैं। जैसे ‘3 इडियट’ की रिलीज के बाद उसके ताजा कलेक्‍शन में शाहरुख खान की फिल्‍मों के कलेक्‍शन का उल्‍लेख किया जा रहा था, वैसे ही अब ‘माय नेम इज खान’ के कलेक्‍शन की ताजा रिपोर्ट में ‘3 इडियट’ के पिछड़ने की बात की जा रही है। फिल्‍म बाजार के कुछ पंडित इसे आमिर खान बनाम शाहरुख खान के ब्रांड से जोड़ रहे हैं।
मेरी नजर में आमिर खान और शाहरुख खान की अपनी विशेषताएं हैं। दोनों में श्रेष्‍ठ कौन है? यह सवाल अधिक मायने नहीं रखता। हमें यह देखना चाहिए कि दोनों अपनी फिल्‍मों से दर्शकों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं या नहीं? हम उनकी फिल्‍मों का मूल्‍यांकन करें और फिर उनके व्‍यक्तित्‍व और योगदान को रेखांकित करें।
आप सभी में से कुछ आमिर खान के तो कुछ शाहरुख खान के प्रशंसक और समर्थक होंगे। आप उनमें क्‍या गुण देखते हैं और उनके योगदान को किस रूप में आंकते हैं?

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