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कल 26 मई 2014 को, शाम 6 बजे श्री नरेंद्र मोदी व उनके मंत्रीमंडल ने राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण कर भारत की सत्ता सम्हलने की तमाम औपचरिकता पूर्ण कर ली/ भारत वर्ष की जनता की आकांछाओं को मूर्त रूप मिलगया। इस अवशर का भारतीय जनता ने देश भर में पूरे उल्लास के साथ स्वागत किया, यह अवशर अभूतपूर्व रहा।
शपथ ग्रहण समारोह की ब्याभता आमंत्रित तमाम देशों के प्रतिनिधियों के आगमन से दर्शनीय एवं विचारणीय हो गयी, जिस के दूरगामी परिणाम होने की पूरी – पूरी सम्भावनाएं प्रतीत होती है। मुख्या रूप से नवाजशरीफ साहब का समारोह में शरीक होना तमाम सम्भावनाओं को जन्म देता है। यद्यपि इस प्रकार के आमंत्रणों का कुछ लोगोँ द्वारा विरोध भी किया गया,किन्तु जब भी हमने धैर्य पूर्वक इस प्रक्रिया पर गम्भीरता से विचार किया, तो यह एक प्रसंसनीय एवं सराहनीय निर्णय ही सिद्ध हुआ। हमारी परम्परागत रण शैली रही है,की हम स-सम्मान अपने विरोधियो को मैत्री या युद्ध का पहला अवशर देते रहे है।
इस अवशर पर तमाम राजनैतिक पार्टीओं ने अभी कोई प्रतिक्रिया मुख्या रूप से व्यक्त नहीं की, किन्तु कांग्रेस के राशिद अल्वी साहब ने नरेंद्र मोदी जी के इस क्रिया कलाप को, कांग्रेस की विचारधारा बता कर इस की प्रसंशा की, जब की राजीव शुक्ला जी को कोई भी बदलाव होता नहीं दिख रहा । कांग्रेस पार्टी के चुनावी परिणामों के बाद भी राजीव शुक्ला जी को कोई बदलाव नजर नहीं आ – रहा , आश्चर्य है। कहते हैं – सावन के अंधे को हरा – हरा ही दिखता है। इंन्ही चुटकुलो के कारण काँग्रेस की व्यभ्या विशाल ईमारत भरभरा गयी, और आज इस ईमारत का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं, जहाँ सारा परिवार सर छुपा कर राहत की साँस ले सके। इस लिए अब तो गंभीरता से विषयों को लेने की आदत डालना शुरू करें। राजीव शुक्ला जी अभी तो केवल नाम से ही परिवर्तन सब को दिखने लगे है, काम शुरू होने के बाद के परिणामों को तो आप को देखना अभी बाकी है। नरेंद्र मोदी हमारा विश्वास हैं। नरेंद्र मोदी का अर्थ परिवर्तन , परिवर्तन का अर्थ 65 सालों के एक परिवारिक सत्ता से लोकतंत्र की डगर की ओर जहाँ की सत्ता – जनता का शासन ,जनता के द्वारा ,जनता लिए होगी। हमारा दध्या है,125 करोड़ भारत की जनता को एक धागे में पिरोकर,भारतमाता की सुंदरता को आलोकिक करने के लिए उनके गले धारण कराना।
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